नई दिल्ली। एआई के दुरूपयोंग को रोकने के लिए अब यूरोपियन यूनियन कानून बनाने को राजी हो गया है। इस संबन्ध में यूरोपीय संसद ने कहा कि उसके मेंबर्स प्रस्तावित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्ट को लेकर एक ऐतिहासिक ‘प्रोविजनल एग्रीमेंट’ पर पहुंच गए हैं। ईयू का एआई एक्ट एआई से जुड़े यूजर्स के नुकसान को नियंत्रित करने वाला दुनिया का पहला व्यापक नियम बनने जा रहा है। यूरोपीय संसद ने एक बयान में कहा कि इस रेगुलेशन का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि इनोवेशन को बढ़ावा देने और यूरोप को इस सेक्टर में लीडर बनाने के साथ-साथ मौलिक अधिकार, लोकतंत्र, कानून का शासन और पर्यावरणीय स्थिरता हाई रिस्कत एआई से सुरक्षित रहे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये नियम बताते हैं कि एआई को उसके प्रभाव और रिस्क के आधार पर उसे क्या करना चाहिए। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि राजनीतिक एग्रीमेंट ग्लोबल फर्स्ट है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्ट बनाने के लिए यूरोपियन यूनियन हुआ राजी
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि एआई एक्ट वैश्विक स्तर पर पहली बार बन रहा है। इसमें एआई के विकास के लिए यूनीक लीगल फ्रेमवर्क पर आप लोगों और उनके व्यवसायों की सुरक्षा और मौलिक अधिकारों के लिए भरोसा किया जा सकता हैं। हमने अपने राजनीतिक दिशानिर्देशों में एक कमिटमेंट ली और हमने उसे पूरा भी किया है। ताजा जानकारी के अनुसार एआई के कुछ एप्लीकेशन द्वारा नागरिकों के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए संभावित खतरे को पहचानते हुए, को-लेजिस्लेटर्स संवेदनशील विशेषताओं राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक विश्वास, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, नस्ल का उपयोग करने वाले बायोमेट्रिक कैटेगरी सिस्टम को बैन करने पर सहमत हुए हैं। यह एग्रीमेंट फेस रिकग्निशन डेटाबेस, वर्कप्लेस और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में इमोशन रिकग्निशन और सोशल बिहेवियर या व्यक्तिगत विशेषताओं के आधार पर सोशल स्कोरिंग बनाने के लिए इंटरनेट या सीसीटीवी फुटेज से फेशियल इमेज की अनटारेगेटेड स्क्रैपिंग पर भी रोक लगाता है। यूरोपीय यूनियन ने कहा कि ये एग्रीमेंट उन एआई सिस्टम पर भी अंकुश लगाता है जो मानव व्यवहार में हेरफेर करके उनकी स्वतंत्र इच्छा को बाधित करते हैं और एआई का उपयोग लोगों की कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए करते हैं। हाई रिस्क जोन में रखे गए एआई सिस्टम के लिए, स्पष्ट दायित्वों पर सहमति भी व्यक्त की गई। संसद ने कहा कि चुनाव के नतीजों और मतदाता व्यवहार पर असर पर डालने के लिए उपयोग किये जाने वाले एआई सिस्टम को भी हाई-रिस्क जोन में रखा गया है। यूनियन का कहना है कि नए कानून में नागरिकों को एआई सिस्टम के बारे में शिकायतें करने और हाई रिस्क वाले एआई सिस्टम पर आधारित निर्णयों के बारे में जानने का अधिकार होगा।