मध्यप्रदेश में प्रचचंड बहुमत मिलने के बाद नई सरकार गठन को लेकर भाजपा के भीतर कवायद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान के हो पद पर बने रहने की संभावनाओं के बीच दो बड़ी खबरें मिल रही हैं। पहली यह कि मप्र को पहली बार महिला विधानसभा अध्यक्ष ( स्पीकर) मिल सकता है। सांसद रहीं सम्पतिया उइके, वरिष्ठ विधायक अर्चना चिटनीस के नाम सबसे ऊपर बताए जा रहे हैं। मप्र के संसदीय इतिहास में कोई महिला विधानसभा अध्यक्ष नहीं रहीं है। हालांकि 2003 और 2009 में जमुना देवी चार चार दिन के लिए सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पोकर) रहीं है।
सूत्रों के अनुसार 2024 को ध्यान में रखकर तय किए गए सीएम, राजस्थान में जहां वसुंधरा राजे सीएम की रेस में सबसे आगे मानी जा रही हैं. पार्टी एक बार फिर वसुंधरा राजे को मौका दे सकती है. वहीं, मध्य प्रदेश में सीएम के लिए शिवराज सिंह चौहान पहली पसंद माने जा रहे हैं और उनको फिर मौका देने की तैयारी है. वहीं, बीजेपी छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को मुख्यमंत्री बना सकती है. सूत्रों के अनुसार, सभी नामों पर फैसला हो चुका है, लेकिन आधिकारिक ऐलान अभी बाकी है.
दूसरी बड़ी खबर यह है कि मुख्यमंत्री के साथ यूपी की तर्ज पर दो उपमुख्यमंत्री बनाये जा सकते हैं। दिल्ली में इस पर चर्चा शुरू हो गई है। जहां तक मप्र में नेतृत्व परिवर्तन का प्रश्न है तो पहले ही पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने का एलान कर गृहमंत्री अमित शाह इसके संकेत दे चुके है। हालाकि इस बात की भी संभावनाएं हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए शिवराज को ही बनाए रखा जाएगा। फिर भी यदि नए चेहरे पर दिल्ली शीर्ष नेतृत्व ने मन बनाया भी तो नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय ज्योतिरादित्य सिंधिया या प्रहलाद पटेल में से कोई हो सकता है !
भाजपा तीन राज्यों में मिले महाविजय अभियान को मई में प्रस्वचित लोकसभा चुनाव तक बरकरार रखने की तैयारी में जुट गई है। ऐतिहासिक 163 जीतने के बाद भाजपा संगठन का आत्मविश्वास हिमालयी हो गया है। अतः वह नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय भी कर सकता है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शाह अपने निर्णयों में कई बार सबको चौंकाया है, अतः मप्र को लेकर ऐसा निर्णय हो तो अचरज्ञ नहीं होगा। मुख्यमंत्री पद के लिए शपथग्रहण इस्सरी सप्ताह 7-10 दिसम्बर तक संभव है। ज्यादा संभव है कि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी भाजपा अपने पास हो रखेगी।
मंत्रिमंडल गठन की पहली किस्त में 25-28 मंत्री बनाए जा सकते हैं। नए चेहरों को ज्यादा जगह दी जाएगी जिससे वे फील्ड में पूरी क्षमता और शक्ति के साथ काम करें। वर्तमान सरकार के सीनियर मंत्रियों तथा कई बार मंत्री रहे विधायकों को आराम भी दिया जा सकता है। इनमें गोपाल भार्गव, बिसाहूलाल सिंह, मौजूदा सरकार के एक दर्जन मंत्री चुनाव हार गए हैं इसलिए नए चेहरों के लिए रास्ता खुल गया है। विधायक का चुनाव लड़ने बाले पांच सांसदों राच उदयप्रताप सिंह, रीती पाठक का को मंत्री बनाया जाना लगभग तय है। वहीं जबलपुर सांसद राकेश सिंह के अलावा गोपाल भार्गव, जगदीश देवड़ा, जयंत मलैया को स्पीकर बनाए जाने की चर्चा है।
नारी शक्ति की दिखेगी झलक
नवा मंत्रिमंडल कैसा होगा और उसमें किसे जगह मिलेगी इनदी अटकलों के बीच कड़ा जा रहा है कि हाईकमान इस बार महिलाओं को जहदा अहमियत मिलेगी। 5-8 महिलाएं हो सकती है।
पहली किस्त में 22-26 मंत्री 3 सांसदों का मंत्री बनना तय !
नए मंत्रिमंडल में मालवा-निमाह और महाकोशत क्षेत्र को सबसे अधिक तवज्जो दी जा सकती है क्योंकि मालवा- निमाह में भाजपा की पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 19 सीटें ज्यादा मिती हैं। यहां से 6-8 मंत्री आ सकते है। महाकौशल और बुंदेलखंड में 6-6 मंत्री हो सकते है। ग्वालियर चम्बल से 4 विधायक, विंध्य से 5-6 मंत्री हो सकते है। नर्मदपुरम से 2, मध्य क्षेत्र से 4 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
मंत्रिमंडल के लिए क्षेत्रवार संभावित नाम
ग्वालियर-चम्बल-प्रद्युम्न सिंह तोमर, नारायण सिंह कुशवाह, राकेश शुक्ला
मालवा-निमाड़ तुलसी सिलावट, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, अर्चना चिटनीस, उषा ठाकुर, निर्मला भूरिया, ओमप्रकाश सकलेचा, मोहन यादव, हरदीप सिंह ढंग, जगदीश देवडा, विजय शाह।
विध्य क्षेत्र राजेन्द्र शुक्ला, रीती पाठक, मनीषा सिंह प्रदीप पटेल, मीना सिंह, कुवंर सिंह टेकाम ।
माह कौशल से प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, प्रदीप जयसवाल गुरु, समातिया ऊईके, ओमप्रकाश धुर्वे, सद उदयप्रलप सिंह, संजय पाठक।
बुदेलखंड- भूपेन्द्र सिंह, गोविन्द राजपूत, प्रदीप तारिया, हरिशंकर खटीक, बृजेन्द्र प्रल्प सिंह ललिता यादव, शैलेन्द्र जैन।
नर्मदापुरम – हेमन्त खंडेलवाल। 7.
मध्य क्षेत्र विश्वास सारंग, सुरेन्द्र पटवा, कृष्णा गौर रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, प्रभुराम चौधरी।