दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के स्पीकर को शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर 31 दिसंबर तक फैसला करने का आदेश दिया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में तो 29 फरवरी तक फैसला लेने की बात कही गई है। इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा,मीटिंग हुई है। अगले साल जनवरी आखिर तक फैसला हो पाएगा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि शीत सत्र के लिए विधानसभा नागपुर शिफ्ट होती है। इस बीच दिवाली की छुट्टियां भी हैं। विधान सभा का शीत सत्र 7 दिसंबर से शुरू होने वाला है। यह 20 दिसंबर तक चलेगा।
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अगर स्पीकर के पास टाइम नहीं है तो हम सुन सकते हैं। अनंत काल तक या अगले चुनाव की घोषणा तक चीजों को लटकाकर नहीं रखा जा सकता। उन्होंने आगे कहा,31 दिसंबर तक इस मसले का निपटारा कर दिया जाना चाहिए। दिवाली की छुट्टियों में भी एक हफ्ता है। छुट्टियों के बाद सत्र शुरू होने में भी 15 दिनों से ज्यादा समय है। उसके बाद भी समय है। ये उपयुक्त है। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि 31 जनवरी से पहले निपटने को कहना अव्यवहारिक होगा। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधान सभा सचिवालय को निर्देश दिया कि अनुसूची 10 के तहत स्पीकर के अधिकारों के जरिए एनसीपी और शिवसेना के बागी विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता की कार्यवाही पर सुनवाई पूरी कर 31 दिसंबर तक आदेश जारी किया। स्पीकर की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि क्या यह अदालत स्पीकर को निर्देशित कर सकती है? क्या एक और संवैधानिक संस्था को अदालत एक स्तर से आगे हस्तक्षेप नहीं कर सकती या स्पीकर से किसी विशेष तरीके से कार्रवाई करने के लिए नहीं कह सकती है। इस पर सीजेआई ने कहा कि अगर स्पीकर इन याचिकाओं को समयबद्ध तरीके से नहीं सुन सकते हैं तो इस अदालत के लिए याचिकाओं को सुनने का समय आ गया है। सीजेआई ने आगे कहा कि प्रक्रियात्मक उलझनों के कारण याचिकाओं में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यवाही 31 दिसंबर 2023 तक पूरी हो जानी चाहिए और निर्देश पारित करना चाहिए। बता दें कि एनसीपी के 5 विधायकों और शिवसेना के दोनों गुट के 34 विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर को फैसला लेना है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के 34 विधायकों की अयोग्यता मामले को ग्रुप ए में रखते हुए इसका निपटारा 31 दिसंबर तक करने को कहा। ग्रुप बी में एनसीपी के पांच विधायकों का मामला रखते हुए इसका निपटारा 31 जनवरी तक करने की बात कही है।