जेरुसलेम। हाल के सालों में इजरायल में यहूदियों की जनसंख्या बढ़ी है, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत धीमी है। साल 2021 के मुकाबले 2022 में इजरायल में यहूदियों की संख्या महज 1 प्रतिशत बढ़ी थी। चौतरफा दुश्मनों से घिरा इजरायल यहूदी आबादी बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल सरकार, यहूदियों की नई पीढ़ी को बच्चे पैदा करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए तमाम स्कीम भी चला रही है। मसलन- अगर आप आईवीएफ के जरिए बच्चा चाहते हैं, पहले दो बच्चों का आईवीएफ पूरी तरह निशुल्क है। आपको कोई पैसा नहीं देना होगा और सारा खर्च सरकार उठाएगी। इजरायल, तमाम देशों के मुकाबले प्रति व्यक्ति आईवीएफ में भी बहुत आगे है। इजरायल में हर महिला की औसत तीन संतानें हैं। बच्चों को शुरू से कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है और अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया जाता है। यही कारण है कि तमाम पश्चिमी और यूरोपीय देशों के मुकाबले इजरायली बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता। एलर्जी व दूसरी बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी कहीं अधिक होती है। इजरायल की सड़कों पर 4-5 साल के बच्चे अकेले घूमते या स्कूल जाते मिल जाते हैं।

दुनिया भर में करीबन 15.7 मिलियन (1.57 करोड़) यहूदी हैं। इनमें से करीब 72 लाख यहूदी (कुल यहूदी जनसंख्या के करीब 46 फीसदी) अकेले इजरायल में ही रहते हैं। अमेरिका दूसरा ऐसा देश है, जहां इजरायल के बाद सर्वाधिक 60 लाख के आसपास यहूदी जनसंख्या है। इसके बाद फ्रांस, कनाडा और ब्रिटेन का नंबर आता है। इजरायल की कुल आबादी पर नजर डालें तो यह करीब 9,795,000 के आसपास है। इजरायल के सेंट्रल ब्यूरो स्टेटिक्स के मुताबिक इनमें से 73 फीसदी यहूदी हैं। जबकि 21 फीसदी अरब और 6 फीसदी ईसाई और अन्य हैं।

हाल के सालों में इजरायल में रहने वाली अरब जनसंख्या या मुसलमानों की तादाद तेजी से बढ़ी है। इजरायल इस बात को लेकर चिंतित है। बता दें कि इजरायल कई मामलों में अनूठा है। इजरायली नागरिकों, खासकर यहूदियों ने अपनी जिजीविषा के बूते पूरी दुनिया में अलग पहचान बनाई है। चाहे टेक्नोलॉजी की बात हो या लाइफस्टाइल की, हर मोर्चे पर आगे हैं।

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