मियामी। इजराइल और हमास के मध्य चल रहे युद्ध पर पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हमास के हमलों के प्रतिक्रिया में रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल प्राइमरी के इजराइल को समर्थन से थोड़ा अलग आचरण के कारण उनकी पार्टी के भीतर राजनीतिक गर्मा गई है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वर्ष 2020 में अमेरिका द्वारा एक शीर्ष ईरानी जनरल को मार गिराए जाने से ठीक पहले उनको धोखा दिया था। बुधवार को वेस्ट पाम बीच, फ्लोरिडा की रैली में ट्रंप की टिप्पणियों का कई रिपब्लिकन नेताओं ने तत्काल निंदा की जिनमें फ्लोरिडा के गवर्नर रोन डिसेंटिस शामिल हैं। डिसेंटिस वर्ष 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दौड़ में ट्रंप के खिलाफ हैं। हमास के हमले के बाद अधिकांश अमेरिकी नेता इजराइल के समर्थन में खड़े हो गए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमले के बारे में कहा है कि यह यहूदियों के लिए अब तक का सबसे घातक दिन था। इजरायल और फलस्तीन, दोनों पक्षों में कम से कम 2,500 लोग मारे गए हैं। राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार की दौड़ में शामिल ट्रंप ने रैली में कहा कि उनकी दुआएं इजराइल के साथ हैं। उन्होंने इजराइल के साथ खड़े रहने की बात कही, लेकिन उसके नेताओं के साथ अपने अनुभवों को खराब बताया। उन्होंने इरान के प्रतिष्ठित कुद्स बल के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बारे में कहा कि इजराइल हमारे साथ यह काम करने वाला था और इसकी योजना बनाई जा रही थी जिस पर महीनों से काम हो रहा था।
ट्रंप ने कहा, कि हमने पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन जिस दिन काम को अंजाम देना था उससे पहले रात को मुझे फोन आया कि इजराइल इस हमले में भाग नहीं लेगा। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, कि किसी ने पहले यह कहानी नहीं सुनी। उन्होंने हमें कारण नहीं बताया। मैं कभी नहीं भूलूंगा कि नेतन्याहू ने हमें निराश किया। लेकिन हमने खुद वह काम किया और पूरी सटीकता के साथ किया। और तब नेतन्याहू ने इसका श्रेय लेने की कोशिश की। इस बारे में नेतन्याहू के कार्यालय से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन तत्काल कोई जवाब नहीं मिला। लेकिन संचार मंत्री श्लोमो कारही ने कहा, कि यह शर्मनाक है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जैसा व्यक्ति दुष्प्रचार को बढ़ावा देता है और ऐसी चीजें प्रसारित करता है जो इजराइल के लड़ाकों और उसके नागरिकों की भावना को ठेस पहुंचाती हैं। हमें उनसे और उनके भाषणों से परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह पूछने पर कि क्या ट्रंप की टिप्पणियों से साफ हो गया है कि उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है? इसके जवाब में कारही ने सहमति में उत्तर दिया।