न्यूयॉर्क। कैलिफोर्निया में एक भारतीय अमेरिकी सीईओ को 33 लाख डॉलर की धोखाधड़ी के आरोप में दो साल की जेल हुई है। साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया गया है। जानकारी के अनुसार कई सॉफ्टवेयर विकास और आईटी सेवा कंपनियों के सीईओ को रोजगार कर में 2 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान न करने पर जेल की सजा हुई है। डबलिन के किशोर केथिनेनी को 21 फरवरी को दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले हफ्ते अमेरिकी जिला न्यायाधीश एडवर्ड जे. डेविला ने सजा सुनाई। केथिनेनी ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने दो भाइयों के साथ मिलकर एक योजना में शामिल होने की साजिश रची, पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम के तहत धोखाधड़ी से 3.1 मिलियन डॉलर से अधिक का ऋण प्राप्त किया। गौरतलब है कि पीपीपी लघु व्यवसाय प्रशासन द्वारा प्रशासित एक कोविड-19 महामारी राहत कार्यक्रम है जो छोटे व्यवसायों को पेरोल और कुछ अन्य खर्चों के लिए तीसरे पक्ष के उधारदाताओं के माध्यम से क्षम्य ऋण प्रदान करता है।
यूएस अटॉर्नी कार्यालय ने बताया ‎कि अप्रैल 2020 से मई 2021 तक, केथिनेनी और उनके भाइयों ने अपनी कंपनियों की ओर से कई पीपीपी ऋण आवेदन किए। उन्होंने कार्यक्रम के तहत ऋण और ऋण माफी प्राप्त करने के लिए फर्जी प्रतिनिधित्व किया व फर्जी पेरोल डेटा और रिकॉर्ड प्रदान किए। केथिनेनी और उनके भाइयों ने अपनी सात कंपनियों की ओर से 12 पीपीपी ऋण आवेदन किए। परिणामस्वरूप पीपीपी निधियों में 3.1 मिलियन डॉलर से अधिक के नौ ऋणों की स्वीकृति हुई और धन मिला। पीपीपी ऋण धनराशि प्राप्त होने पर, केथिनेनी ने कार्यक्रम के तहत पेरोल और अन्य अधिकृत व्यावसायिक खर्चों के लिए धनराशि का उपयोग करने के बजाय अपने परिवार के सदस्यों के लिए राशि खर्च की।
यही वजह रही ‎कि 15 फरवरी को केथिनेनी पर सुपरसेडिंग इंफॉर्मेशन द्वारा रोजगार कर का भुगतान करने में विफलता का एक मामला और बैंक धोखाधड़ी करने की साजिश का एक आरोप लगाया गया था। उसने दोनों मामलों में अपना दोष स्वीकार कर लिया। जेल की अवधि के अलावा, केथिनेनी को दो साल की निगरानी में रिहाई का आदेश दिया गया है और क्षतिपूर्ति के रूप में 3,295,514.25 डॉलर का भुगतान करने और 15,000 डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। अदालत ने 3,186,315.00 डॉलर जब्त करने का भी आदेश दिया।

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