नई दिल्‍ली । सीजेआई डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने जजों को सलाह दी है ‎कि वे आम लोगों को न्याय सुलभ कराने में मदद करें। सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि न्‍याय प्रणाली की असली ताकत आम आदमी तक उसकी पहुंच है। उन्‍होंने जजों को सलाह दी कि जिन लोगों की मनमाने ढंग से गिरफ्तारी की जाती है या फिर गैर कानूनी तरीके से उनकी संपत्तियों को कुर्की कर दिया जाता है, ऐसे लोगों को न्यायिक प्रणाली में सहायता मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट परिसर में बार काउंसिल द्वारा आयो‎जित स्‍वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीजेआई ने कहा कि अदालतें व्यक्तियों को अपने जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षित लोकतांत्रिक स्थान प्रदान करें। हालां‎कि इस दौरान सीजेआई डीवाय चंद्रचूड़ ने किसी एक मामले का जिक्र नहीं किया। उन्होंने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में नई अदालतें खुलने के संबंध में अहम जानकारी भी दी। उन्‍होंने नागरिकों के लिए न्याय को अधिक सुलभ, समावेशी और किफायती बनाने के लिए सभी बाधाओं को खत्म करने का वादा करते हुए कहा कि न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए काम किया जा रहा है। इसी दिशा में सुप्रीम कोर्ट परिसर में 27 नई अदालतों का निर्माण किया जा रहा है।

सीजेआई ने यह भी बताया कि अदालतों में सुनवाई से पहले की कार्यवाही के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्‍तेमाल किया जाएगा। साथ ही शीर्ष अदालत के फैसले अब स्‍थानीय भाषाओं में भी उपलब्‍ध कराए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि हमारे पास ऐसा रोडमैप तैयार है जिससे भविष्‍य में यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश के आखिरी व्‍यक्ति तक न्‍याय पहुंचे। प्रधानमंत्री ने भाषण के दौरान सीजेआई का स्‍थानीय भाषाओं में कोर्ट के फैसलों को उपलब्‍ध कराने के लिए उनका धन्‍यवाद किया था। इसी कड़ी में सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा ‎कि अबतक 9,423 फैसले स्‍थानीय भाषाओं में ट्रांसलेट किए जा चुके हैं। शीर्ष अदालत के 35 हजार फैसलों को स्‍थानीय भाषाओं में ट्रांसलेट की हमारी को‎शिश जारी है।

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