दिल्ली। मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सरकार को इस बात की उम्मीद नहीं है कि विपक्ष अपनी इस मांग, जिसमें वो मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी को संसद में बयान देने को कह रही ही, से पीछे हटेंगे. सरकार ये मान कर चल रही है कि विपक्ष अपनी मांग पर इसलिए भी अड़ी हुई है क्योंकि उसकी चुनावी मजबूरियां हैं. इन सब के बीच बीजेपी की संसदीय दल की बैठक आज हो रही है. इस बैठक में पीएम मोदी भी मौजूद हैं. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में संसद में चल रहे गतिरोध और हंगामे के बीच जनता से जुड़े मुद्दों पर कैसे काम हो इसपर बात हो सकती है।

सूत्रों के अनुसार सरकार अब संसद से जुड़े कामकाज को निपटाने पर जोर देने पर विचार कर रही है. ऐसे में अगर किसी बिल को पास करना हो तो सरकार ये करेगी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा लोकसभा में कहा कि सरकार मणिपुर मामले को लेकर चर्चा के लिए तैयार है. सूत्रों के अनुसार इसके साथ ही सरकार ने ये भी साफ किया कि इस मुद्दे पर सिर्फ गृहमंत्री ही बात रखेंगे।

 

सूत्रों ने कहा कि सरकार पहले ही बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर चुकी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष विपक्षी नेताओं से फोन पर बात की है. लेकिन विपक्ष के इस मुद्दे पर अड़े रहने के कारण सरकार की ओर से कई बैठकें हुईं.

 

संसद में चल रहे हंगामे को लेकर कई वरिष्ठ मंत्रियों ने पीएम मोदी से मुलाकात की है. सूत्रों के अनुसार अमित शाह और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की है और वर्तमान दृष्टिकोण पर निर्णय लिया गया है. सरकार ने मानसून सत्र के दौरान 31 विधेयकों को पेश करने के लिए एक भारी विधायी कार्यक्रम तैयार किया है. उनमें से एक विधेयक उस अध्यादेश का स्थान लेने के लिए है जो केंद्र को दिल्ली में तैनात नौकरशाहों को नियंत्रित करने की शक्ति देता है।

विपक्षी दल मणिपुर पर चर्चा से पहले किसी भी विधायी कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने पर भी आमादा हैं. और उससे पहले भी पीएम मोदी को संसद में मणिपुर पर बोलना है, ऐसा उनका कहना है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक टीवी से कहा कि मणिपुर जो संकट की स्थिति है ऐसी स्थिति हमारे देश में लंबे समय बाद सामने आई है.

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