अंबाला, 29 जुलाई। भारतीय वायुसेना के बेड़े में बुधवार दोपहर पांच सुपरसोनिक राफेल शामिल हो गए। इनकी अंबाला एयरबेस पर बहुप्रतीक्षित हैप्पी लैंडिंग हो गई। एयरबेस पर उतरने के बाद राफेल दस्ते का स्वागत वाटर सैल्यूट (Water Salute) देकर किया गया। इस अवसर पर वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया समेत वायुसेना के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। लैंडिंग से पहले इन विमानों ने अंबाला एयरबेस की परिक्रमा की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल की लैंडिंग के बाद खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे भारतीय वायुसेना और शक्तिशाली हो गई है। भारत के दुश्मनों को अब सावधान हो जाना चाहिए।
अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग के बाद पांचों राफेल सुपरसोनिक विमानों को वाटर कैनन से सलामी दी गई। एयरबेस पर पहुंचने के बाद राफेल और इन्हें फ्रांस से लाने वाले पालयट क्रू का वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्वागत किया। यह दूसरा मौका है जब बड़े फाइटर विमान को अंबाला एयरबेस पर भारत में सबसे पहले लैंडिंग हुई है। इससे पहले जगुआर फाइटर प्लेन की अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर लैंडिंग हुई थी। राफेल दस्ते को लाने वाली टीम की अगुवाई वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह कर रहे थे। गौरतलब है कि ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह MIG-21 Bison के हवा में ही इंजिन बंद होने के बाद भी सुरक्षति उतार लाए थे। इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
PM ने ट्वीट कर जताई खुशी, राजनाथ ने लिखा- देश की सैन्य क्षमताओं में क्रांति का नया युग
ऱाफेल के आगमन पर स्वागत करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने संस्कृत में ट्वीट किया और लिखा कि राष्ट्र रक्षा से बड़ा पुण्य, व्रत और यज्ञ हो ही नहीं सकता। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, राफेल अंबाला में सुरक्षित रूप से उतर गए हैं। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। ये मल्टीरोल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमताओं में क्रांति लाएंगे।
इसके बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया। उन्होंने कहा, मैं जोड़ना चाहूंगा, अगर ऐसा कोई है जिसे भारतीय वायु सेना की इस नई क्षमता के बारे में चिंतित या आलोचनात्मक होना चाहिए, तो वह जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं।
अंबाला एयरबेस के आसपास ड्रोन पर प्रतिबंध लगाया गया
सुरक्षा की दृष्टि से एयरफोर्स स्टेशन के तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन को प्रतिबंधित कर दिया गया था। इससे पहले मंगलवार दोपहर के बाद अगले आदेशों तक एयरफोर्स स्टेशन के भीतर बाहरी व्यक्तियों सहित मीडिया की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। किसी भी प्रकार की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। डीसी अशोक कुमार शर्मा ने भारतीय दंड संहित 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए थे।
राफेल से जुड़े सभी उपकरण पहुंचे अंबाला, हैंगर हुए दुरुस्त
फ्रांस की टीम भी लंबे समय तक अंबाला में ही रहेगी। उधर, राफेल की तैनाती के लिए दो पुराने हैंगरों को ही अपडेट कर दिया गया है। नए हैंगर और करीब 18 शेल्टर बनाने का काम जारी है, करीब छह महीने में सारी व्यवस्थाएं पूरी हो जाएंगीं। गौरतलब है कि कुल 36 राफेल में से 18 अंबाला और 18 पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। बाद में इन दोनों एयरबेस से चार–चार राफेल हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर भी भेजे जा सकते हैं। राफेल को 11 गोल्डल ऐरो स्कवाड्रन के पायलट उड़ाएंगे, जिनकी ट्रेनिंग फ्रांस में पूरी हो चुकी है।
बेहद खतरनाक है राफेल
राफेल के अधिकतम भार ढोने की क्षमता 24,500 किलोग्राम है। ईंधन क्षमता 4,700 किलोग्राम है। अधिकतम रफ्तार 2,200 से 2,500 तक किमी प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3,700 किलोमीटर है। इसमें घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें लगी रहती हैं। इसमें थाले आरबीई–2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है। भारतीय वायुसेना ने इसमें लगाने के लिए ‘हैमर’ प्रणाली भी आकस्मिक ऑर्डर पर फ्रांस से मंगाई है। राफेल में लगी हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज) मीडियम रेंज मिसाइल है। ये आसमान से जमीन पर वार करती है। यह लद्दाख जैसे पहाड़ी इलाकों में भी मजबूत से मजबूत शेल्टर और बंकरों को तबाह कर सकती है।
राफेल में ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा–रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है। 30 एमएम की तोप से 2,500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं। विमान 1,900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है। 9.3 टन वजन के साथ 1650 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम बताया जा रहा है। 14 हार्ड प्वाइंट के जरिये भारी हथियार भी गिराने की क्षमता है।