ग्वालियर/छतरपुर, 29 जुलाई। दो दिन पहले जांच में कोरोना पॉजिटिव निकले युवक ने COVID-19 सेंटर के सीलिंग फैन से फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि चाकचौबंद व्यवस्थाओं वाले कोविड-19 सेंटर में कोई फांसी कैसे लगा सका।  

कांग्रेस नेता मोहम्मद करीम के भतीजे समीर खान को COVID-19 फॉजिटिव पाए जाने के बाद महोबा रोड के COVID-19 सेंटर क्वारंटाइन किया गया था, उसका इलाज चल रहा था। मंगलवार रात 10 बजे कमिश्नर-कलेक्टर भी सेंटर का दौरा करके गए थे और, समीर खान ने रात करीब 12 बजे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कमिश्नर-कलेक्टर ने व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद पाया था, लिहाजा सवाल उठाए जा रहे हैं कि इतने इंतिजामात के बाद भी 35 साल का समीर खान सीलिंग फैन पर कैसे लटक गया। मेडिकल टीम और पुलिस की निगरानी के बीच मरीज का फांसी लगाकर आत्महत्या करना व्यवस्थाओं को सवालों में घेर रहा है।

छतरपुर कोतवाली थाने के महोबा रोड़ पर स्थित शासकीय उत्कर्ष सीनियर छात्रावास में हुए इस हादसे की की सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और मृतक के शव को फंदे से उतारा। पुलिस ने बताया कि मृतक दो दिन पहले ही कोविड केंद्र में भर्ती हुआ था। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक मृतक ने डिप्रेशन में आकर फांसी लगाई है।

अच्छा खाता कमाता था समीर, लॉकडाउन से बंद था कारोबार

समीर के पिता कमाल अहमद कांग्रेस के पार्षद रहे हैं। सक्षम, सभ्य, सुसंस्कारित परिवार है, जूते की फैक्ट्री और थोक का व्यवसाय है। समीर खुद छतरपुर बस स्टैंड पर रेस्टोरेंट चलाता था। हालांकि यह लॉक डाउन की मार झेलते हुए तकरीबन 4.5 माह से बन्द था।

भोपाल के चिरायु में इलाज न हो पाने से था चिंतित
एक कॉमन फ्रेंड को मंगलवार दोपहर समीर ने बताया था कि वह जल्द से जल्द घर जाना चाह रहा था। उसे लगता था कि अगर कोरोना का इलाज ही कराना है तो भोपाल के चिरायु अस्पताल में कराया जाए,  इस सम्बंध में ताऊ मो.करीम प्रयास कर रहे थे, लेकिन समीर के मुताबिक चिरायु जाने की बात बन नही पा रही थी। एक चिंता उसे अपने परिवार की भी थी। एक दोस्त से बात करते हुए समीर ने कहा था कि उसकी पत्नी और दो मासूम बच्चे तीन दिन पहले ही ननिहाल से लौटे थे। उनके सेम्पल भी लिए जाएंगे, कहीं बच्चों को भी कोरोना संक्रमण न निकले। इसी उधेड़बुन के बीच 27 जुलाई की एक रात, 28 जुलाई का पूरा दिन समीर ने कोविड सेंटर में गुज़ारा और रात लगभग 12 बजे फाँसी लगा ली।

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