पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह पर शनिवार को इंदौर के तुकोगंज थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। सिंह के विरुद्ध हाईकोर्ट वकील राजेश जोशी ने शिकायत दर्ज करवाई है। उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि धूमिल करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है।

पुलिस के मुताबिक दिग्विजयसिंह ने इंटरनेट मीडिया पर संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की तस्वीर के साथ अनर्गल पोस्ट प्रसारित की। उज्जैन में भी दिग्विजय पर थाने में शिकायत दर्ज की गई है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा, बिना तथ्यों की जानकारी के दुष्प्रचार करना और विद्वेष फैलाना कांग्रेस के नेताओं की आदत है। श्रद्धेय श्री गोलवलकर गुरुजी ने आजीवन सामाजिक विभेद मिटाने और समरस समाज के निर्माण के लिए कार्य किया। गुरुजी के विषय में इस तरह का मिथ्या प्रचार कांग्रेसी नेताओं की कुंठा को दर्शाता हैं, गुरुजी का झूठा चित्र लगा कर सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने की कोशिश निंदनीय है।

आरएसएस की छवि धूमिल करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिह की उस ट्वीट के लिए आलोचना की है, जिसमें संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरु गोलवलकर को लेकर भ्रामक दावा किया गया है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिह के ट्वीट किए पोस्टर में दावा है कि गोलवलकर ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार दिया जाता है, तो इसकी जगह वह सारी जिदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हैं। पोस्टर में गोलवलकर के हवाले से धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल को दो-तीन विश्वसनीय व्यक्ति को सौंपने तथा 95 प्रतिशत जनता को भिखारी बनाए रखने का विचार व्यक्त करने का दावा किया गया है।

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने उस ट्वीट पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि यह ट्वीट तथ्यहीन तथा सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है। संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा फोटोशाप लगाया गया है। गुरुजी ने कभी ऐसा नहीं कहा। उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में लगा रहा।

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