नई दिल्ली । ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय पर लगाम लगाने के ‎लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर या‎चिकाओं पर सुनवाई की गई। इस दौरान ईडी की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठे हैं। एक मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट ने कहा, अगर ईडी पर लगाम नहीं लगाई गई, तो देश में कोई सुरक्षित नहीं होगा। बता दें ‎कि गुरुग्राम की कंपनी एम3एम के खिलाफ जारी पीएमएलए केस से जुड़ी कई याचिकाओं पर शीर्ष न्यायालय में सुनवाई हुई थी। एम3एम समूह का पक्ष रखने कोर्ट पहुंचे एडवोकेट सालवे ने कहा ‎कि ईडी को ये शक्तियां दी गई हैं। अगर कोर्ट ने इनपर लगाम नहीं लगाई, तो देश में कोई भी सुरक्षित नहीं होगा। उन्होंने कहा ‎कि दे‎खिए, किस तरह से गिरफ्तारियां हो रही हैं। वे सहयोग कर रहे हैं। गिरफ्तार किया जाना मेरे अधिकारों का उल्लंघन है, इन ताकतों पर लगाम लगाए जाने की जरूरत है। सालवे के अलावा एडवोकेट मुकुल रोहतगी भी एम3एम के निदेशक बसंत बंसल और पंकज बंसल का पक्ष रख रहे थे। दोनों को एक एक पूर्व जज को रिश्वत देने से जुड़े मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था।

इसमें सबसे खास बात है कि याचिका के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने भी इस मामले में गिरफ्तारी पर दखल देने से इनकार कर दिया था। ईडी ने 14 जून को पीएमएलए के तहत बंसल बंधू को गिरफ्तार किया था। उन्हें हरियाणा के पंचकूला में विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें ईडी की पांच दिनों की हिरासत में भेज दिया। इसके पहले 9 जून को उच्च न्यायालय ने 5 जुलाई तक उन्हें रियल एस्टेट कंपनी आईआरईओ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दे दी थी। दरअसल, जिस मामले में बंसल बंधू की गिरफ्तारी हुई है, वह हरियाणा एसीबी की तरफ से दर्ज ‎रिपोर्ट से जुड़ा है।

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