सीतामढ़ी । नेपाल में इन दिनों इंडियन करेंसी को लेकर उथल-पुथल मचा है। इसका सीधा असर भारत और नेपाल के आम लोगों पर पड़ रहा है। बेटी-रोटी का रिश्ता रखने वाले भारत और नेपाल के सीमाई इलाके में रहने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। सीमावर्ती इलाके के अधिकांश लोग भारतीय बाजार पर निर्भर हैं और यहां के दुकानदार उनपर निर्भर है। दरअसल नेपाल में इंडियन करेंसी पर अघोषित प्रतिबंध की वजह से सीमा से सटे बाजार में दुकान चलाने वाले लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बताया जा रहा है ‎कि नेपाल के प्रशासन के द्वारा ही कार्रवाई की जा रही है। यहां से आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है। एक निश्चित मात्रा में ही सामान जाने दिया जा रहा है। एक व्यापारी ने बताया ‎कि हाल के दिनों में भारत सरकार के द्वारा दो हजार के नोट को प्रतिबंधित कर देने के बाद से ज्यादा बखेड़ा खड़ा हुआ है। नेपाल से भारत में आने वाले व्यापारी और ग्राहक 100 रुपए से ऊपर का नोट नहीं ले रहे हैं। नेपाल के लोगों का कहना है कि इंडियन करेंसी की मार्केट वैल्यू कम हो गई है। इसलिए अब इंडियन करेंसी में सामान खरीदारी नहीं करेंगे। पहले खरीदारी करते थे तो जिस 100 रुपए का वह 160 रुपए दिया करते थे, लेकिन अब 150 रुपएही देने को तैयार हैं। इसके चलते स्थानीय व्यापारी के अलावा भारत से नेपाल जाने वाले आम नागरिक को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कपड़ा व्यापारी का कहना है ‎कि पहले 1000 भारतीय नोटों का 1600 रुपया होता था, लेकिन बीते कुछ महीनों से 1600 रुपए की जगह 1550 रुपए ही बन रहा है। उन्होंने बताया कि 100 रुपए से ऊपर का नोट नेपाल में पहले से प्रतिबंधित है। सरकार के द्वारा यह पहले से घोषित है, लेकिन आपसी भाईचारा और बेटी-रोटी के संबंधों की वजह से 200, 500 और 2000 के नोटों को भी प्रचलन में लाया जा रहा था। जब से 2000 का नोट बंद हुआ है तब से नेपाल के लोग 100 से ऊपर का नोट नहीं ले रहे हैं। उनको यह भी डर है कि कहीं 200 और 500 के नोट भी बंद न हो जाएं।

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