बीजिंग/ताइपे। चीन ने ताइवान में एक बार फिर घुसपैठ की है। चीन के 37 वॉरप्लेन ताइवान 6 घंटे के अंदर ताइवान के डिफेंस जोन में घुस गए। इनमें परमाणु क्षमता वाले एच-6 बॉम्बर्स के साथ-साथ जे-11 और जे-16 फाइटर जेट्स भी शामिल रहे। ताइवान ने चीन के लड़ाकू विमानों के घुसते ही एयर अलर्ट जारी कर दिया। इसके बाद उन्होंने चीन पर नजर बनाने के लिए अपने की वॉरप्लेन और शिप भेजे। इसके अलावा ताइवान के रक्षा मंत्रालय के आदेश पर जमीन से मार करने वाले मिसाइल सिस्टम को भी एक्टिवेट कर दिया गया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया- कुछ चीनी विमानों ने ताइवान के दक्षिण-पूर्व में उड़ान भरी। निगरानी और लंबी दूरी की नेविगेशन ट्रेनिंग के लिए ये पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चले गए।ताइवान की सेना और एयरफोर्स इन पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। हालांकि, ये इस साल की सबसे बड़ी घुसपैठ नहीं है। चीन ने इससे पहले 9 मई को अपने 45 वॉरप्लेन ताइवान भेजे थे। हालांकि, इस बार ये वॉरप्लेन बहुत कम अंतराल पर सीमा के अंदर दाखिल हुए।

साउथ कोरिया के डिफेंस जोन में घुसे रूस-चीन के वॉरप्लेन

इससे पहले चीन और रूस ने बुधवार को पहली बार साथ मिलकर हवाई गश्त की थी। इस दौरान दोनों देशों के 8 वॉरप्लेन साउथ कोरिया के डिफेंस जोन में दाखिल हो गए थे। इसके जवाब में साउथ कोरिया ने भी अपने फाइटर जेट्स को भेजा था। हालांकि, रूस-चीन ने उसके एयरस्पेस का उल्लंघन नहीं किया था। वहीं दोनों देशों के विमानों ने सी ऑफ जापान के ऊपर भी उड़ान भरी थी। जिसके बाद जापान ने भी सिक्योरिटी अलर्ट जारी करते हुए अपने फाइटर जेट्स को वहां भेजा था। साउथ कोरिया ने इस रूस-चीन की एंबेसी में विरोध दर्ज कराया है।

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