हजरत निजामुद्दीन से रानी कमलापति स्टेशन के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को ट्रैक पर तफरीह करने वाले जानवरों के साथ पत्थरबाज भी चुनौती पेश कर रहे हैं। 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। तभी से लगभग 67 दिन में एग्जीक्यूटिव क्लास से चेयरकार के कोच में 30 विंडो के कांच शरारती तत्व पत्थर मार तोड़ चुके हैं। भोपाल मण्डल के कैरिज एंड वैगान स्टाफ अभी तक 16 खिड़कियों के कांच बदल चुके हैं। ट्रेन में अभी 14 कांच टूटे ही लगे हैं।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरह किसी भी ट्रेन में पथराव की घटनायें नहीं हुई है। जितनी वन्दे भारत एक्सप्रेस में हो रही है। रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) अभी तक इन पत्थरबाजों को पकड़ने में असफल रहें हैं। वन्दे भारत एक्सप्रेस में चलने वाले आरपीएफ के जवान और टिकट चैकिंग स्टाफ ने बताया कि निजामुद्दीन से आगरा के बीच ट्रेन में पथराव की घटनायें सबसे अधिक हो रही है।

लगभग 188 किमी के इस ट्रैक पर निजामुद्दीन और आगरा के बीच एक भी स्टॉपेज नहीं है। इस कारण कब, कहां किसने पत्थर फेंककर ट्रेन की विण्डो को तोड़ दिया, पता ही नहीं चल पाता। कुछ घटनायें मुरैना से ग्वालियर के बीच भी हुई है। इससे यात्री दहशत में रहते हैं। यात्रियों का कहना था कि वंदे भारत एक्सप्रेस पर देश की नजर हे। फिर भी पत्थरबाज इसे ही निशाना बना रहे हैं। यह रेलवे पुलिस फोर्स को सीधी चुनौती है। कोच पर पत्थराव में अभी तक कोई घायल नहीं हुआ है।

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