राहुल गांधी ने कहा है कि जब वह राजनीति में आए, तब उन्होंने नहीं सोचा था कि लोकसभा से उनकी अयोग्यता संभव होगी, लेकिन उन्होंने कहा कि इससे उन्हें लोगों की सेवा करने का एक बड़ा अवसर मिला है। अमेरिकी दौरे पर गए राहुल गांधी ने प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैंपस में भारतीय छात्रों के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। दरअसल, वायनाड से सांसद रहे राहुल गांधी को इस साल की शुरुआत में लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, क्योंकि उन्हें सूरत की अदालत ने 2019 में उनकी मोदी उपनाम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था।

राहुल गांधी ने कहा कि जब वह 2000 में राजनीति में शामिल हुए, तब उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इस स्थिति से गुजरुंगा, जब उन्‍होंने राजनीति में आने के समय सोचा था, यह उससे परे है। लोकसभा से अपनी अयोग्यता का उल्लेख कर राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि ऐसा कुछ संभव है। लेकिन फिर मुझे लगता है कि इसने मुझे वास्तव में एक बड़ा मौका दिया है। शायद मुझे मिलने वाले अवसर से बहुत बड़ा है। राजनीति इसी तरह काम करती है। राहुल गांधी ने कहा कि पूरा विपक्ष भारत में संघर्ष कर रहा है। हम अपने देश में लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उस वक्‍त मैंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए जाने का फैसला किया।

स्टैनफोर्ड के पूरे सभागार में खचाखच भरे श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच राहुल गांधी ने कहा, मुझे समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री यहां क्यों नहीं आते। सभागार खचाखच भरा होने के कारण कुछ छात्रों को प्रवेश नहीं मिल सका। राहुल गांधी को सुनने के लिए कार्यक्रम शुरू होने से दो घंटे पहले ही छात्र लाइन में लग गए थे।

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