मणिपुर में फिर हिंसा की आग भड़क गई है। ताजा हिंसा की घटनाओं में एक पुलिसकर्मी समेत पांच लोगों की मौत हो गई है। वहीं 12 लोग घायल हुए हैं। राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसा भड़कने के बाद हुई फायरिंग की घटनाओं में लोगों की मौत हुई है। बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 40 कुकी जनजाति के आतंकी मारे गए हैं। सीएम के बयान के अगले ही दिन राज्य में फिर हिंसा हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ताजा हिंसा के पीछे कुछ उग्रवादी संगठनों के आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है। आतंकियों ने अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग की, जिसकी चपेट में आकर पुलिसकर्मी समेत पांच लोगों की मौत हो गई। पश्चिमी इंफाल जिले के फेंग इलाके में हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है और एक घायल है। काकचिंग जिले के सुगनु इलाके में हुई हिंसा में एक पुलिसकर्मी की मौत हुई है और एक पुलिसकर्मी घायल है। यहां छह नागरिक भी घायल हुए हैं।
रविवार सुबह सुगनु में ही एक भीड़ ने पांच गांवों में कुकी जनजाति के लोगों के घर जला दिए। पश्चिमी इंफाल में ही भाजपा के विधायक केएच रघुमनी सिंह के घर को गुस्साई भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। यहीं के उरीपोक में हिंसा के बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। यहां भी दो लोग घायल हुए। वहीं चूराचांदपुर जिले के कांगवी, इंफाल पूर्व के सागोमांग, बिशेनपुर के नुंगोईपोकपी, पश्चिमी इंफाल के खुरखाल में हिंसा की घटनाएं हुईं। काकचिंग जिले के सेरोउ, सुगनु में उग्रवादी संगठन के लोगों ने मैती समुदाय के करीब 80 घरों में आग लगा दी। जिसके बाद इलाके में पुलिस तैनात की गई। कुछ जगहों पर पुलिस और उग्रवादी संगठन के लोगों में मुठभेड़ की भी खबरें हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मणिपुर में उग्रवादी संगठन बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल सेना ने उग्रवादी संगठनों के बीच हुई बातचीत को डिकोड किया है। जिससे सेना को पता चला है कि उग्रवादी संगठन एक बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं और उनकी योजना है कि उस हमले में इंसानों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया जाए। सेना भी इसे लेकर चौकन्नी हो गई है।