नई दिल्ली, 22 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गैंग्स्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच के लिए उत्तरप्रदेश उस मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिसमें मामले की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में ती सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। गौरतलब है कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और उसके बाद गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच सहयोगियों के मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर गठित जांच आयोग के अध्यक्ष के रूप में जस्टिस चौहान और सदस्य उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) जस्टिस शशिकांत अग्रवाल और उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता को नियुक्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी
मांगी थी।
NIA या कोई दूसरी एजेंसी करे आयोग की सहायता
CJI एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया है कि जांच आयोग एक सप्ताह के भीतर काम करना शुरू कर जांच को दो महीने के भीतर समाप्त करे। न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने भी अधिसूचना को मंजूरी दे दी और उत्तरप्रदेश सरकार को इसे अधिसूचित करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जांच समिति को सचिवीय सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया और कहा कि समिति को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी द्वारा सहायता प्रदान की जानी चाहिए।