जैन समाज की प्रमुखता और विशेषता भारत की प्रमुख शक्ति है। इस पूंजी को महत्वपूर्ण माना गया है। भगवान महावीर के दिखाये पथ का विश्व दर्शन, मूल्य सिद्धांतों का जीवन विश्व के निवासियों को दिया है जो आलौकिक है। इस आशय के विचार केन्द्रीय नागारिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को अशोकनगर मुख्यालय स्थित जैन भवन में श्री दिगम्बर पंचायत के तत्वाधान में आयोजित जैन समाज के क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान व्यक्त किये।
सिंधिया ने कहा कि जैन समाज के सिद्धांत अंहिसा के पथ पर चलते-चलते अंहिसा को ही सबसे बड़ा धर्म माना है। अंहिसा को धार्मिक प्रगति के साथ जोडा गया। साथ ही सभी प्राणियों के प्रति अंहिसा के मार्ग को प्रशस्त किया। अंहिसा के मूल्य और सिद्धांत सीमित न होकर पृथ्वी के हर इंसान को छूने की क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों पर जाए तो जीवन के मूल्य एवं सिद्धांतों की राह पर चलना अच्छा संकेत है । इसी को समाज में जागरूकता लाकर दोबारा अलख जगाने का कार्य भी हो। एक –एक व्यक्ति बालक बालिका समाज के मूल्य सिद्धांतों को आत्मा में उताकर जीवन शैली में अपनाए। समाज में गुरूओं की काफी महत्ता है। जैन समाज अंतरआत्मा पर प्रभाव डालते है। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुक्षे जैन मुनियों का सानिध्य प्राप्त हुआ। हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जैन धर्म से प्रभावित होकर अंहिसा का पथ अपनाया । विश्व ने अंहिसा धर्म की शाक्ति को देखा । इसी शाक्ति से विदेशी ताकतों को अंहिसा के पथ पर चलकर देश से बाहर कर देश को आजाद कराया।उन्होंने कहा कि जीवन में 5 सिद्धांतों पर चलकर अपने जीवन को सफल बना सकते है। राजनीति में सिद्धांत एवं मूल्य अतिमहत्वपूर्ण होते है। साथ ही जियों ओर जीनों की भावना के साथ जनसेवा का लक्ष्य होना चाहिये। उन्होंने थूबोन धाम के लिये जैन समाज द्वारा की गई मांगों को पूरा किये जाने हेतु आश्वस्त किया।
कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव,जिला पंचायत अध्यक्ष जगन्नाथ सिंह रघुवंशी, विधायक जजपाल सिंह जज्जी,भाजपा जिला अध्यक्ष आलोक तिवारी ,नगर पालिका अध्यक्ष नीरज मनोरिया,जैन समाज के अध्यक्ष राकेश कांसल सहित नवनिर्वाचित पदाधिकारी एवं सदस्यगण, जनप्रतिनिधिगण तथा बडी संख्या में जैन समाज सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।