भोपाल। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में संचालित अपनी रैन बसेरा योजना बंद कर दी है। पांच साल पहले मध्य प्रदेश में 119 रैन बसेरा खोले गए थे। इसके लिए केंद्र से बजट आवंटित होता था। पांच साल के लिए बनाई गई योजना 31 मार्च 2023 को बंद हो गई है।अब राज्य सरकार इन रैन बसेरों को अपने खर्च पर पुन: शुरू करने का प्रस्ताव बना रही है। जुलाई में प्रस्तुत होने वाले प्रथम अनुपूरक बजट में इसके लिए बजट प्रविधान किया जा सकता है। इसे लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने वित्त विभाग के साथ विचार विमर्श प्रारंभ कर दिया है। बताया जा रहा है कि इन रैन बसेरों का नया नामकरण भी किया जाएगा।
बड़े शहरों के रेलवे और बस स्टैंडों के समीप बनाए गए हैं
अन्य शहरों से बड़े शहरों में आने वाले लोगों के लिए रात्रि विश्राम के उद्देश्य से रैन बसेरा योजना बनाई गई थी। भारत सरकार ने इस योजना के तहत विभिन्न राज्यों के लिए रैन बसेरा स्वीकृत कर बजट आवंटित किया था। पांच साल तक यह योजना मध्य प्रदेश में सफल रही है, लेकिन अब केंद्र की इस योजना की मियाद समाप्त होने के बाद बजट मिलना बंद हो गया है।
हालांकि, दूसरे चरण में स्वीकृत किए गए 10-15 रैन बसेरा अब भी संचालित हैं। इन रैन बसेरों में जरूरतमंद व्यक्ति बहुत कम शुल्क देकर रात्रि विश्राम कर सकता है साथ ही यहां दीनदयाल रसोई योजना के तहत भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है।
गरीबों व भिक्षावृत्ति करने वालों का आश्रय स्थल
बड़े शहरों में दिहाड़ी मजदूरी कर अपना भरण पोषण करने वाले और भिक्षावृत्ति कर अपना जीवन यापन करने वालों के लिए रैन बसेरा उनका आश्रय स्थल है। 31 मार्च को 100 से अधिक रैन बसेरा बंद कर दिए गए।