चम्बल सेन्चुरी से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन पूरी तरह से रोका जाये। किसी भी स्थिति में परिवहन नहीं हो। इनलिगल उत्खनन एवं परिवहन करने वालों के खिलाफ मायनिंग एवं फोरेस्ट नियमों के तहत कड़ी कार्रवाही की जाये।

यह निर्देश प्रदेश खनिज विभाग के प्रमुख सचिव निंकुज श्रीवास्तव ने देवरी में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय टास्क फोस समिति की बैठक में दिये। बैठक में सीएफ वाइल्ड लाइफ भोपाल के ए के शुक्ला, ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह, चंबल रेन्ज के पुलिस महानिरीक्षक सुशांत सक्सेना, कलेक्टर मुरैना  अंकित अस्थाना,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  राय सिंह नरवरिया, एसडीओ वन विभाग मुरैना अतीक दुबे, खनिज अधिकारी एसके निर्मल, आरटीओ मुरैना अर्चना परिहार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुये प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने कहा कि इनलिगल रेत उत्खनन एवं परिवहन को रोकने के लिये इलेक्ट्रानिक चेक गेट लगाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि किसी भी गाड़ी को खड़े होकर रोकना कठिन होता है, लेकिन इलेक्ट्राॅनिक सर्विलेंस में जो गाड़ी जायेगी, उसमें कितना खनिज जा रहा है, उसका कितना वाॅल्यूम है, उसका नंबर व ईटीपी को कैप्चर किया जाकर कार्रवाही होगी, जिससे अवैध उत्खनन नहीं हो। उन्होंने कहा कि जैसे जिले में साधन नहीं है रेत का, लेकिन भिण्ड से लाना है तो यहां से निकालना आसान हो जाता है तो जब वैध तरीके से उपलब्ध होने से अवैध चीजे रूक जाती है तो इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

प्रमुख सचिव श्रीवास्तव ने कहा कि आज मैंने मौके पर मुरैना के राजघाट व अन्य घाटों पर जाकर निरीक्षण किया। मैं सभी अधिकारियों की सराहना करता हूं, कि जिन्होंने राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करते हुये चंबल सेन्चुरी से बहुत प्रभावी तरीके से अवैध उत्खनन को रोका है। इसके साथ जहां लोगों को रेत की आवश्यकता है तो इसके लिये 207 सेक्टर डिनोटिफाइड किये है, इससे लोगों को रोजगार के साधन भी मिलेंगे और आज जो इंटर स्टेट मीटिंग में हमने देखा कि चंबल की रेत की मुख्य मांग उत्तरप्रदेश और राजस्थान में है। मध्यप्रदेश की आवश्यकता की पूर्ति सिंध व नर्मदा से भी हो सकती है। उन्होंने अवैध उत्खनन को रोकने के लिये मायनिंग फण्ड, वाइल्ड लाइफ कैम्पा से ड्रोन खरीदकर लगा सकते है। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन सख्ती से रूक सके, इसके लिये जो भी प्लान हो, सीधे मुझे भेजे। उन्होंने लखनऊ के इलेक्ट्रानिक नाके गेट की प्रशंसा करते हुये कहा कि इस तरह के गेट आगामी योजना में प्रस्तावित किये जायेंगे।

बैठक में निकुंज श्रीवास्तव ने पर्यटन की अपार संभावना को देखते हुये कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह चंबल सेन्चुरी बहुत आकर्षण का केन्द्र बन सकता है, आगरा पर्यटन का बड़ा सेन्टर है। चंबल सेन्चुरी को बढ़ावा दिया जाये। उन्होंने कहा कि टूरिज्मि बन जाने से चोरियां रूक सकती है। बीहड़ को दिखाने की भी कार्ययोजना बन सकती है। इसके लिये टूरिज्म बोर्ड, कारपोरेशन के साथ कार्ययोजना बनाई जा सकती है।

बैठक को संबोधित करते हुये ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह ने कहा कि जहां ड्रोन नहीं है, वहां के प्रस्ताव बनाकर भेजे। जहां वाइल्ड लाइफ, कैमरा का पैसा है, वाहं ड्रोन और सीसीटीव्ही इम्पीलिमिन्ट जरूर करें। रेत की मंडियो में सर्चिग तेजी से कराई जाये। बिना नंबर के वाहनों को डीजल, पेट्राल नहीं दिया जाये। इस प्रकार की मुहिम अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार होती रहे। नदी किनारे संग्रहित रेत का विनिष्टिकरण का कार्य शीघ्र पूरा किया जाये। नदी में वोट से पैट्रोलिंग एवं नाकेबंदी की जाये। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश, राजस्थान के अधिकारियों से कोर्डिनेट करके अल्टरनेट कभी मुरैना तो कभी धौलपुर तो कभी आगरा में बैठक लगातार एक दो माह में होती रहे। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन में लगे लोगों को गुंडा लिस्ट में शामिल कर जिला बदर की कार्रवाही करने के निर्देश कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को दिये।

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