केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत की अत्याधुनिक तकनीक एवं वैज्ञानिक कौशल का इस्तेमाल कर “माँ रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना” को मूर्तरूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ग्वालियर एवं चंबल संभाग को सिंचाई परियोजना के रूप में दी गई इस क्रांतिकारी सौगात से किसानों के जीवन में खुशहाली के नए-नए आयाम जुड़ेंगे। सिंधिया शुक्रवार को माँ रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना के तहत देवगढ़ – बिलौआ नहर प्रणाली के पम्प हाउस – 1 के निर्माण कार्य के भूमिपूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने लगभग 272 करोड़ रूपए लागत की देवगढ़-बिलौआ नहर प्रणाली के तहत डबरा विकासखंड के ग्राम बरकरी के समीप बनने जा रहे पम्प हाउस निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। इसके बाद ग्राम गिजौर्रा में इस उपलक्ष्य में आयोजित हुई जन सभा को संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने की।
इस अवसर पर जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह, लघु उद्योग विकास निगम की अध्यक्ष इमरती देवी, भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण कौशल शर्मा, जनपद पंचायत की अध्यक्ष प्रवेश मेहताब सिंह गुर्जर तथा जवाहर सिंह रावत, मोहन सिंह राठौर, महेन्द्र सिंह यादव, वीरेन्द्र जैन, बज्जर सिंह गुर्जर, कप्तान सिंह सहसारी व नगर पंचायत की अध्यक्ष लक्ष्मीदेवी चौरसिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। साथ ही कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल, मुख्य अभियंता जल संसाधन आर पी झा व एसडीएम डबरा प्रखर सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 2245 करोड़ रूपए की लागत से मंजूर की गई माँ रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना से ग्वालियर, भिण्ड व दतिया जिले के 215 ग्रामों में 80 हजार हैक्टेयर से अधिक रकबे की सिंचाई होगी। इस परियोजना के हिस्से के रूप में 272 करोड़ रूपए लागत से मूर्तरूप लेने जा रही देवगढ़-बिलौआ प्रणाली से डबरा विधानसभा क्षेत्र के 36 ग्रामों की लगभग 19 हजार हैक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। सिंधिया ने कहा कि यह अत्याधुनिक सिंचाई परियोजना पूरी तरह कम्प्यूटराईज्ड होगी और भूमिगत पाइप लाइन से उच्चदाब से सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से पानी किसानों के खोतों तक पहुँचेगा। इस परियोजना के पम्प कम्पूटरीकृत पद्धति से संचालित होंगे और मोबाइल फोन से भी चालू व बंद किए जा सकेंगे। साथ ही सिंचाई के साथ-साथ पाइप लाइन व स्प्रिंकलर के जरिए कीटनाशक व खाद भी फसलों को दिया जा सकेगा। उन्होंने इस परियोजना को मंजूर करने के लिये क्षेत्रीय निवासियों की तरफ से मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।