ग्वालियर, अप्रेल। शहर के गिट्टी सप्लायर्स पर छत्तीसगढ़ की एक कंपनी के इंजीनियर और अकाउंटेंट ने 10 दिन तक बंधक बना कर रखने का आरोप लगाया है। आरोप है कि गिट्टी सप्लायर्स ने कंपनी पर बकाया भुगतान के संबंध में लेखा-जोखा करने इंजीनियर और अकाउंटेंट को बुलाया और बंधक बना लिया। उत्तरप्रदेश पुलिस की सूचना पर ग्वालियर के महाराजपुरा पुलिस थाने के दल ने शहर की रचना नगर कॉलोनी के एक मकान से उन्हें स्वंत्र कराया। कंपनी के बंधक बनाए गए मैनेजर प्रशांत प्रमाणिक की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों की तलाश प्रारंभ कर दी है।
इंजीनियर और अकाउंटेंट को पैसों के लेन-देन के संबंध बातचीत करने के लिए ग्वालियर बुलाया गया था। पिछले 10 दिन से उन दोनों को एक कमरे में बंद करके रखा हुआ था। 24 घंटे उन पर निगरानी रखी जा रही थी। बंधक बनाने वाले भुगतान के बिना रिहा करने के लिए राजी नहीं थे।
उत्तरप्रदेश पुलिस की सूचना पर हुई तलाश, दबिश के बाद बंधक हुए रिहा
ग्वालियर पुलिस को उत्तरप्रदेश पुलिस के सूचना मिली थी कि छत्तीगढ़ के बालोदा बाजार बिलासपुर की एक सीमेंट कंपनी के इंजीनियर प्रशांत प्रमाणिक एवं अकाउन्टेंट मोहम्मद सिद्दिकी को शहर के दीनदयाल नगर से सटी रचना नगर कॉलोनी के एक घर में बंदी बनाकर रखा हुआ है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने छत्तीसगढ़ की कंपनी के अधिकारियों को मुक्त कराने की जिम्मेदारी महाराजपुरा सीएसपी रवि भदौरिया को सौंपी। सीएसपी ने अपनी एक टीम तैयार कर उस घर में दबिश दी तो पुलिस को देख बंधक बनाकर रखने वाले भाग गए, किंतु एक चौकीदार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया। तलाशी लेने पर इंजीनियर और अकाउंटेंट बंधक एक कमरे में बैठे मिल गए। पुलिस दोनों को महाराजपुरा थाने ले आई।
गिट्टी आपूर्ति के 14 लाख बकाया का भुगतान नही कर रही थी कंपनी छत्तीसगढ के बालोदा बाजार की GDCL कम्पनी के इंजीनियर और अकांउटेंट ने पुलिस को बताया कि डीडी नगर निवासी मुन्ना तोमर और गजेन्द्र परमार गिट्टी सप्लाई का काम करते है। उन्होने जीडीसीएल कंपनी को गिट्टी सप्लाई की थी। इनका लगभग 14 लाख रुपए का भुगतान बकाया था। कंपनी के मैनेजर का आरोप है कि घटिया माल आपूर्ति के कारण भुगतान रोका गया है, किंतु कंपनी के पास इसका कोई जवाब नहीं है कि प्रबंधन ने घटिया गिट्टी को क्वालिटी टेस्टिंग के बिना आपूर्ति स्वीकार कैसे कर ली। भुगतान की सौदेबाजी के लिए कंपनी के इंजीनियर प्रशांत और अकाउंटेंट मोहम्मद सिद्दिकी गजेन्द्र और मुन्ना के बुलावे पर ग्वालियर पहुंच गए। सैटलमेंट की सौदेबादी नहीं पटी तो इंजीनियर और अकांउटेंट को एक कमरे मे बंद कर दिया गया। उन्हें बता दिया गया था कि जब तक कंपनी से उनके बकाया का भुगतान नहीं करा देते उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।
अकाउंटेंट सिद्दिकी के परिजन ने ग्वालियर पुलिस को दी सूचना
उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर निवासी मोहम्मद सिद्दिकी के परिजन ने उसकी लंबे समय से सूचना न मिलने पर कंपनी प्रबंधन से पूछताछ की। प्रबंधन ने बताया कि वह दोनों सप्लायर से सौदेबाजी करने ग्वालियर गए हैं, तब से उनकी कोई सूचना नहीं मिली है। सिद्दिकी के पिता उत्तरप्रदेश वन विभाग से सेवानिवृत हैं, उनके प्रयासों से उत्तपप्रदेश पुलिस ने ग्वालियर के एसएसपी अमित सांघी से संपर्क किया था। ग्वालियर पुलिस को इंजीनियक प्रशांत के के मोबाइल की अंतिम स्थिति गोला का मंदिर क्षेत्र में मिली थी। पता रने पर मुन्ना व गजेंद्र के दीनदयाल नगर और रचना नगर के ठिकानों का पता चला। दबिश में दोनों बंधक मुक्त करा लिए गए।
बंधकों को 10 दिन नहीं मिला भरपेट खाना, लगता था अब नहीं छूटेंगे
बंधकों को साफ कह दिया गया था कि कंपनी बकाया भुगतान नहीं करेगी तब तक दोनों को छोड़ा नहीं जाएगा। बंधकों को भी लगने लगा था कि अब वह छूट नहीं पाएंगे, किंतु ग्वालियर पुलिस की सक्रियता ने उन्हें मुक्त करा दिया। मोहम्मद सिद्दिकी तो इतना डरा हुआ था कि उसने सुल्तानपुर जाने के लिए लखनऊ के लिए सीधी उड़ान नहीं मिलने पर उस समय उपलब्ध अहमदाबाद की उड़ान पकड़ कर ग्वालियर छोड़ दिया।