गोली लगने से घायल SI ने बताई आखों देखी–चिल्ला रहे थे अल्लाहू-अक़बर

दिल्ली, 17 अप्रेल। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान भड़की हिंसा के रहस्य की परतें खुलने लगी हैं। ज्ञातव्य है कि जहांगीरपुरी थाने के एडिशनल एसएचओ राजीव रंजन की शिकायत पर पंजीबद्ध प्राथमिकी के अनुसार पूरे बवाल का प्रारंभ अंसार, असलम और उनके 4-5 साथियों की बहस के बाद से हुई। प्राथमिकी में लिखा गया है कि हनुमान जन्म-महोत्सव शोभायात्रा शनिवार शाम छह  बजे सी- ब्लॉक में जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का एक शख्स अपने 4-5 साथियों के साथ वहां आया और शोभायात्रा निकाल रहे लोगों से बहस करने लगा। बहस इतनी बढ़ी कि पथराव शुरू हो गया और शोभायात्रा में भगदड़ मच गई।

दिल्ली के जहाँगीरपुर में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर विगत शनिवार को निकाली गई शोभायात्रा में पत्थरबाजी करने और दंगा फैलाने के आरोप में पुलिस ने अब तक मुख्यसूरधार अंसार समेत 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हमले के सूत्रधार अंसार ने ही सबसे पहले शोभायात्रा में बहस कर विघ्न डालने की कोशिश की थी, जबकि असलम की चलाई गोली से पुलिस SI मेदा राम घायल हो गए। दिल्ली पुलिस ने गोली चलाने वाले दंगाई असलम को भी गिरफ्तार कर पिस्तौल बरामद कर ली है, अन्य आरोपितों की पहचान की जा रही है। सूत्रों से अनुसार अंसार पर पहले से ही कई आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं।

पुलिस के अनुसार दंगाई आक्रमणकारी पुलिस अधिकारियों की लगातार की जा रही शांति अपील मानने को क़तई तैयार नहीं हुए और पत्थरबाजी करते रहे। इस दौरान असलम नाम के दंगाई ने गोली भी चलाई गई जो पुलिस अधिकारी के बाँह में जा लगी। दंगाइयों ने इस दौरान पत्थर और काँच की बोतलों से हमला किया। कई वाहनों में तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया।

घायल SI की आंखोंदेखी–ज़िहादी चिल्ला रहे थे अल्लाहू-अक़बर, पत्थरबाजी व गोलीबारी के साथ ही आगजनी भी की

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर हिंदुओं द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला किया था। मुस्लिम भीड़ ने ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते हुए दंगा, पत्थरबाजी, आगजनी और गोलीबारी की। ऐसी ही एक गोली सब इंस्पेक्टर मेदा लाल के हाथ पर लगी। गंभीर रूप से घायल SI मेदा लाल ने जहाँगीरपुरी के दंगे के बारे में बताया–पहले दो जुलूस निकल चुके थे और तीसरा जुलूस निकल रहा था, जो खत्म होने वाला था। जब ये मस्जिद सी ब्लॉक के सामने पहुँची, शोभा यात्रा में शामिल लोग जय श्रीराम के नारे लगाते हुए चल रहे थे, किंतु मस्जिद के ऊपर से पत्थरबाजी प्रारंभ हो गई। इस बार पुलिस ने सब रोक दिया। किंतु, कुशल चौक पर हाथ में लाठी, डंडे, तलवार और काँच की बोतलें लेकर आई अल्लाहू-अक़बर के नारे लगाती भीड़ ने आक्रमण कर दिया। मेदा लाल ने बताया कि मस्जिद सी-ब्लॉक में थी, वहाँ नारेबाजी के बाद पथराव हुआ शोभा यात्रा को वहां से हटाकर जी ब्लॉक की तरफ ले जाया गया। किंतु मस्जिद वाले दंगाई वहां भी पहुंच गए। दंगाई भीड़ में बच्चे और महिलाएँ भी सम्मिलित थीं। घरों की छतों से भी बच्चे व महिलाएं पत्थरबाजी कर रहे थे। मेदा राम के अमुसार गोली दंगाई भीड़ की तरफ से चलाई गई, आठ-10 गोलियों में से एक मेदे राम को भी लगी। गोली उनके हाथ को फाड़कर आर-पार हो गई। हालाँकि, हड्डी में लगने के कारण उसकी दिशा बदल गई थी। दंगाई हाथ में तलवार, लाठी और मीट काटने वाला गंडासे जैसा हथियार लिए थे। सभी बांग्लादेशी भाषा में नारेबाजी कर रहे थे। मेदा राम ने बताया–हमारे एक साथी कॉन्स्टेबल सुमन की पीठ और हाथ पर तलवार से वार किया गया। मेरे 6-7 और साथी भी घायल हुए हैं।

सब इंस्पेक्टर मेदा लाल का अनुसार दंगाइयों ने कई दुकानों, गाड़ियों में आग लगा दी। मेवाराम के अनुसार दंगा साजिश के तहत किया गया या नहीं ये तो नहीं कह सकते। किंतु, छतों से पत्थर और बोतलें फेंकी गई थीं। पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि गोली और पत्थरबाजी बंगाली भाषी लोगों द्वारा चलाई गई।

दिल्ली सरकार दे रही मुफ्त-बिजली-राशन-पानी, घुसपैठिये बांग्लादेशी-रोहिंग्या कर रहे दंगे

स्थानीय निवासियों के अनुसार जहाँगीरपुरी के जिस इलाके में दंगाइयों ने पत्थरबाजी की वहाँ अवैध बांग्लादेशी व रोहिग्या मुस्लिम बड़ी संख्या में रहते हैं। सी-ब्लॉक और एच-टू झुग्गियों में इनकी संख्या सबसे अधिक है। बी-ब्लॉक में भी घनी मुस्लिम आबादी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हमला सी- ब्लॉक के मंगल बाजार और कुशल सिनेमा के बीच हुआ। चारों तरफ से अचानक पत्थरबाजी होने लगी। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की बस्ती को मुफ्त बिजली-पानी के कनेक्शन क्यों दिए गए। ये घुसपैठियों अवैध रूप से रह कर भी मुफ्त-बिजली-पानी व राशन ले रहे हैं और सदियों से शांति से रह रहे नागरिकों को आए दिन दंगे कर आपराधिक कृत्यों में लिप्त है। शनिवार को हुए दंगों में ही यही प्रमुख रुप से सक्रिय थे।

आक्रमणकारियों के बचाव में उतरी जमीयत-ए-उलेमा-हिंद

हिंसा की निंदा करने के स्थान पर जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद दंगाइयों के बचाव में खुलकर उतर आई है। जमीयत के दिल्ली अध्यक्ष मोहम्मद आबिद ने दंगे का दोष हिंदुओं पर मढ़ते हुए हमले को जायज ठहराया। आबिद के अनुसार  शोभायात्रा कई बार मस्जिद के सामने से गुजरी और फिर वापस आई। इस दौरान लोग मस्जिद में घुसने और झंडा लगाने की कोशिश कर रहे थे। किंतु सामने आए वीडियो चीख-चीख कर आबिद के दावे को झूठा सिद्ध कर रहे हैं। वीडियो में स्पष्ट है कि शोभा यात्रा में शामिल लोग भगवन्नाम संकीर्तन करते हुए जा रहे थे। शोभा यात्रा के मस्जिद के पास पहुँचते ही मस्जिद से पत्थर बरसने प्रारंभ हो गए। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि शोभा यात्रा शांतिपूर्वक निकल रही थी, इसी दौरान पत्थरबाजी होने लगी। सूत्रों के अनुसार एक संगठन की शोभा यात्रा पूर्व में निकली थी, उसमें भारी संख्या में हुनमान भक्त सम्मिलित थे। उस पर आक्रमण का साहस जिहादी नही दिखा पाए थे, इसलिए जब दूसरी शोभायात्रा में मात्र 50 भक्त दिखे तो जिहादी योजना पूरी कर ली गई।  

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