खुद ढूंढ़ा अपना ’बंटी’ और कर ली शादी, भोपाल-इंदौर, पुणे-नागपुर के दर्जनों व्यापारी ठगे
इंदौर, 16 अप्रेल। शहर की एमआईजी पुलिस थाने ने एक महिला को उसके ही दोस्त की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया है। महिला ने दोस्त से किराए पर कार ली और तीसरे को बेच दी। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने जब छानबीन की तो पता चला कि पकड़ी गई महिला और उसका पति मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बंटी-बबली के नाम से चर्चित हैं। महिला का पति अभी पुलिस गिरिफ्त में नहीं आ सका है। पुलिस के अनुसार इस मामले में रश्मि और पति अनस के साथी अकील व कुछ अन्य के नाम भी आए हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। रील नहीं रियल लाइफ के बंटी-बबली जोड़ी की बबली लगी इंदौर पुलिस के हाथ….
बॉलीवुड फिल्म ‘बंटी और बबली’ में दुनिया को ठगने की कहानी देख आप रोमांचित हुए होंगे। किंतु, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के इन बंटी बबली ने असलियत में ऐसा कोई सगा नहीं छोड़ा है जिसे ठगा न हो। बबली अर्थात रश्मि राठौर ने पहले तो अपने ही जैसे ठग बुद्धि कोहेफ़िज़ा निवासी अनस सिद्दिकी को पकड़ा और उससे शादी कर ली। इसके बाद बंटी और बबली ने व्यापारियों को अपना बना कर दूर-दराज के सौदों में ठगी का सिलसिला चलाया। दोनों के विरुद्ध भोपाल के जहांगीराबाद पुलिस थाने में शिकायतें दर्ज हैं।
दोस्त की कार किराए पर ली और बेच दी
इंदौर में एमआईजी पुलिस थाने के इंस्पेक्टर अजय वर्मा ने बताया कि शहर के एक निजी कंपनी में काम करने वाले सागर विश्वकर्मा की कार को उसकी दोस्त रश्मि राठौर ने 20 हजार रुपए प्रति माह किराए पर लिया था। सागर ने दोस्ती के कारण कोई एग्रीमेंट नहीं किया था। कुछ माह बाद सागर को ज्ञात हुआ कि रश्मि ने उसका कार भोपाल में किसी को दो लाख रुपए में बेच दी है।
पुणे और नागपुर के व्यापारियों से लाखों की ठगी
रश्मि के मोबाइल नंबर और बैंक खातों के विवरण निकाले और पति अनस सिद्दिकी ने पुणे और नागपुर के व्यापारियों से भी ठगी की है। नागपुर में मोहन नाम के एक ब्रोकर को झांसे में लेकर रश्मि ने दो व्यापारियों से आठ व छह लाख रुपए ठगे। रश्मि ने भोपाल में कुछ परिचित व्यापारियों की फैक्ट्री व गोदामों से वीडियो कॉल कर उन्हें अपने झांसे में लेकर सौदा किया और फर्जी ट्रांसपोर्टेशन वीडियो भेजकर एडवांस के रूप में लाखों रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे।
कारों के फर्जी सौदे करने में माहिर है रश्मि
रश्मि किसी से कार किराए पर लेने के दौरान डुप्लीकेट चाबी बनवा लेती थी। इसके बाद कार बेचकर डुप्लीकेट चाबी से कार उठवा कर असली मालिक के सुपुर्द कर देती थी। उसने कई कारों के सौदौं में इस तरह की धोखाधड़ी की थी।