जयुपर, 01 अप्रेल। जयपुर में गिरफ्तार किए गए मिथ्या लेफ्टिनेंट कर्नल को न्यायालय ने शुक्रवार को जमानत दे दी। पूछताछ रहस्योद्घाटन हुआ कि अलवर में बहरोड़ निवासी 23 वर्षीय अमर सिंह का सेना में चयन नहीं हुआ तो वह ले.कर्नल के मिथ्या गणवेश में घूमने लगा था। उसकी सैन्य अधिकारी की जीवन सौली पूरी तरह अपना ली थी। पुलिस अन्वेषण में सामने आया कि बहरोड़ स्कूल में पढ़ने के दौरान ही आरोपी ने NCC में चार वर्ष तक प्रशिक्षण लिया था। इसी से उसे सैन्य अधिकारी की जीवन सैली अपनाने का विचार मिला।
सेना की सुरक्षा भंग करने के लिए करने लिए अमर सिंह ने अपने चाचा और मामा के आर्मी कार्डों की सहायता से कंप्यूटर से मिथ्या परिचय-पत्र बना लिए। इन्हीं परिचय-पत्रों से अमर सिंह सेना के शिविरों में प्रवेश कर जता था, साथ ही कैंटीन से खरीद भी करता था। पुलिस ने अमर सिंह से गणवेश के अतिरिक्त सेना की पद-मुद्राएं, सीलपैड, विजिटिंग कार्ड और परिचय पत्र सहित कई मिथ्या वस्तुएं मिलीं।
एक माह तक सेना की गुप्तचर शाखा को देता रहा चकमा
जयपुर सेना की गुप्तर शाखा को सूचना मिली थी कि जयपुर का मात्र 23 वर्ष का एक युवक लेफ्टिनेंट कर्नल के गणवेश पहन कर शहर में घूम रहा है। पूछताछ करता वह स्वयं को अवकाश पर बताता है। गुप्तचर शाखा के अनुसार अमर सिंह ने सेना की सुरक्षा भी भंग की है। जयपुर में सेना की गुप्तचर शाखा के अधिकारियों ने ने बताया कि अमर सिंह के मामा रिटायर फौजी धर्मचंद यादव और चाचा जगमाल सिंह हवलदार हैं। आरोपी के पास से जगमाल सिंह के बेटे राहुल और मोहन के आर्मी कैंटीन के कार्ड मिले हैं। इनसे वह कैंटीन में शॉपिंग किया करता था। आरोपी ने खुद का फर्जी लेफ्टिनेंट का कार्ड भी बना रखा था। अधिकारियों के अनुसार अमर के चाचा और मामा से भी पूछताछ की जाएगी।