कोलकाता, 24 मार्च। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा पर अब राजनीतिक आग सुलगने लगी है। भाजपा, कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल सरकार के विरोध में प्रदर्शन भी प्रांभ कर दिए हैं। गुरुवार को पस्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीरभूम पहुंची। किंतु भाजपा ने उनसे पूछा है कि शोक-संतप्त परिवारों से मिलने आईं ममता के स्वागत में तोरण द्वार क्यों सजाए गए हैं। क्या ममता शोक का जश्न मनाने पहुंची हैं?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और आरोपियों को चेतावनी दी कि सभी आरोपी आत्मसमर्पण करें नहीं तो पुलिस सभी को गिरफ्तार करेगी, वह चाहे पार्टी का पदाधिकारी ही क्यों न हो। ममता बनर्जी के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी समेत उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में ही रोक लिया गया। इसके बाद सभी वहीं धरना पर बैठ गए।

ममता के स्वागत में तोरण द्वार सजे देख भाजपा ने उठए प्रश्न
बीरभूम हिंसा में मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचने से पूर्व ममता बनर्जी विवादों में आ गईं। शोक-संतप्त परिवारों से मिलने आईं ममता के स्वागत में पार्टी कार्यकर्ताओं ने तोरण द्वार सजा दिए, इसकी राजनीतिक दलों के साथ ही स्थानीय नागरिकों ने भी निंदा की। भाजपा के अमित मालवीट ने ट्विटर पर और संबित पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में पूछा कि आप शोक मनाने जा रही हैं या जश्न?  भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीरभूम के रामपुरहाट में बेशर्म स्थानीय टीएमसी इकाई तोरण द्वार सजाकर ममता बनर्जी के स्वागत के लिए तत्पर है। उनके आने से पूर्व प्रभावित क्षेत्र के पहुंच मार्ग की सड़कों को पानी के टेंकरों से धोकर चमाचम कर दिया गया। जबकि वह उस भीषण नरसंहार का जायजा लेने के लिए दौरा कर रही हैं, जिसमें उनके शासन के करीबी लोगों ने कई महिलाओं और बच्चों पहले मारापीटा फिर जिंदा जला दिया था। यह क्रूर, अमानवीय है

बर्बरता की पारकाष्ठा, आक्रांताओं ने बच्चों व महिलाओं को पीटा फिर किया आग के हवाले

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुए अमानुषिक हत्याकांड में शव परीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार क्रूल आक्रांताओं ने तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत आठ लोगों को जीवित अग्नि में झोंकने से पूर्व पहले बुरी तरह मारा-पीटा गया था। रामपुरहाट अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि शवों का परीक्षण करने वाले एवं फॉरेंसिक विशेषज्ञों के प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार पीड़ितों को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर जीवित जला दिया गया।

राख बन चुके घरों को सुधारने 2-2 लाख, मृतकों के परिवारों को नौकरी

पीड़ित परवारों से मिलने गई ममता ने उन्हें सांत्वना देने के साथ ही घोषणा की है कि आग में जल चुके घरों को सुधारने के लिए 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ममता ने कहा मरने वाले परिवारों के 10 लोगों को नौकरी दी जाएगी। ममता बनर्जी ने कहा कि आपने अपने परिवार के सदस्यो को खोया है, मेरे दिल को इससे काफी ठेस पहुंची है। पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि रामपुरहाट हिंसा मामले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। अदालत के समक्ष एक कड़ा मामला दायर किया जाएगा। 

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घटना को बताया शर्मनाक, कहा–सरकार सबक ले
बीरभूम घटना पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह एक शर्मनाक घटना है और शासन पर एक कलंक है। लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक है। मैं सरकार से रक्षा की पेशकश करने के बजाय सबक सीखने की अपील करता हूं।
उच्च न्यायालय ने लिया स्वतः संज्ञान, भाजपा-कांग्रेस कर रहे राष्ट्रपति शासन की मांग
बीरभूम हिंसा के मामले में कोलकाता उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार दोपहर बीरभूम की सद्य स्थित पर प्रतिवेदन मांगा है। तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या के बाद बनी हुए हत्याकांड से स्थानीय वातावरण हिंसक हो चुका है। मामले में राजनीतिक आग भी भड़क उठी है। भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों ने बढ़ती हिंसा के मद्देनजर केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या के बदले तृणमूल के ही दूसरे समूह पर आक्रमण
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में तृणमूल कांग्रेसनेता की हत्या के बाद सोमवार देर रात हिंसा भड़क गई। यहां भीड़ ने 10-12 घरों के दरवाजे को बंद कर आग लगा दी। एक ही घर से सात लोगों के शव निकाले गए। भड़की हिंसा में कुल 10 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में तृणमूल कांग्रेस के उपप्रधान की हत्या का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। 

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