इंदौर, 16 मार्च। शहर के बाणगंगा क्षेत्र में बीकॉम की विद्यार्थी ने मंगलवार शाम घर की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली। उसने एक संक्षिप्त पत्र लिख छोड़ा, जिसमें लिखा–सुना है कि सिर्फ फिल्मों में ही गेम चलता है, लेकिन आज असलियत में देख लिया। मेरी फेमिली को परेशान न किया जाए। मैं अपनी मर्जी से सुसाइड कर रही हूं। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ कर दी है। आत्महत्या से पूर्व पापा को खाना खिलाया, छोटी बहन के साथ सोई औऱ संक्षिप्त पत्र लिख शाम को छत से लगा दी छलांग….

एक निजी कंपनी में सुरक्ष कर्मी नारायण निलोरे की 20 वर्षीय बेटी रजनी निलोरे शहर के महाविद्यालय से स्नातक-वाणिज्य के द्वितीय वर्ष की विद्यार्थी थी। मंगलवार सुबह उसके पिता रात्रि की पाली में काम कर लौटे थे। रजनी ने पिता को खाना खिलाया और देर तक बातें कीं। दोपहर में पिता जब सोने गए तो वह घर के ऊपर बने कमरे में छोटी बहन के पास चली गई। दोनों ने कुछ देर तक पढ़ाई की। शाम लगभग पांच बहन सोता छोड़ वह छत पर गई नीचे थलांग लगा दी। कुछ गिरने की आवाज पर दादी ने घर के पीछे जाकर देखा तो उनकी लाड़ली रजनी लहूलुहान पड़ी हुई थी। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, किंतु चिकित्सक उसे बचा नहीं सके। रजनी ने बुधवार सुबह दम तोड़ दिया। पुलिस सुसाइड नोट और परिवार से पूछताछ के आधार पर विवेचना कर रही है।

छोटी बहन रो-रोकर पूछ रही–दीदी ने ऐसा क्यों किया

रजनी की छोटी बहन कोमल वाणिज्य-स्नातक प्रथम वर्ष की विद्यार्थी है। दीदी के साथ वह भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। दोनों बहनें एक साथ ही पढ़ाई करती थीं। कोमल ने बताया कि पापा को खाना खिलाकर दी ऊपर कमरे में आ गई। कुछ देर उसने पढ़ाई की फिर हम दोनों सो गए। कोमल ने बताया कि सोने के बीच रजनी बहुधा पानी पीने उठती औऱ छत पर निकल जाती थी। इसलिए मंगलवार शाम भी जब वह कोमल को सोता छोड़ छत पर गई तो उसे किसी अनहोनी की आशंका नहीं हुई। कोमल के अनुसार रजनी की बातों से कभी लगा ही नहीं कि वह किसी तनाव से गुजर रही है। परिजन के अनुसार परिवार में भी किसी तरह का तनाव नहीं था। रजनी पढ़ाई में अच्छी थी।

पुलिस रजनी की आत्महत्या का कराण जानने मृत्यु-पूर्व लिखे पत्र के आधार पर उसके मोबाइल और सोशल-मीडिया खाते  भी खंगाल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *