


इंदौर, 16 फरवरी। मध्यप्रदेश में उत्तरप्रदेश और बिहार के चोर गिरोह बड़े शहरों से लग्जरी वाहन चुराकर सीधे चोर बाजार पहुंचा देते हैं। मध्य प्रदेश पुलिस की इंदौर में अपराध शाखा पुलिस के हत्थे एक ऐसा वाहन चोर चढ़ा है जो पलक झपकते किसी भी कार का तालाबंद दरवाजा खोल कार ले उड़ता है। पकड़ा गए हाईप्रोफाइल कार चोर शमशेर सिंह राणा ने चोरी की सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया है। वह किसी भी लग्जरी और सुरक्षित मानी जाने वाली कार को पलक झपकते ही अनलॉक कर उड़ा ले जाता था। पुलिस पूछताछ में शातिर चोर ने गिरोह के ठिकानों और चोरी के तरीकों के साथ ही पुलिस के सामने ही मास्टर-चबी बना कर दिखाई। पल भर में बना डाली मास्टर-चाबी और खोल दिए पुलिस वाहनों के ताले….
शमशेर सिंह राणा से पूछताछ में जुटी पुलिस ने जब यह जानना चाहा कि वह इतना आसानी से वाहन कैसे चुला लेता है तो शमशेर ने विवेचना दल से कुछ औजार मांगे। पुलिस के दिए औजारों से शमशेर राणा ने पुलिस थाना परिसर में ही जमीन पर बैठकर चंद मिनिट में मास्र-चाभी बना डाली। इसके बाद पुलिस के देखते-देखते शमशेर ने परिसर में खड़े पुलिस वाहनों को निमिष मात्र में खोल कर दिखा दिया। इंदौर के लसूड़िया में स्कीम-114 से मोहित बंसल की कार चुराने के आरोप पकड़े गए शमशेर सिंह राणा ने अपराध शाखा को ऐसे कई गिरोहों के नाम बताए, जो मध्यप्रदेश के इलाकों में सक्रिय है। शमशेर सिंह ने अपने अलावा और भी अंतरराज्यीय चोर गिरोहों के नाम बताए। राणा के अनुसार गिरोह उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान के हैं।
बिहार-उत्तरप्रदेश के गिरोह मध्यप्रदेश से चुराते हैं वाहन
शमशेर सिंह राणा ने बताया कि छोटी हैचबैक कारें उत्तरप्रदेश के गिरोह चुरा रहे हैं, जबकि लग्जरी हाईटेक कारें बिहार की गैंग चुराती हैं। गिरोह का कोई एक भी साथी पकड़ा जाए तो गैंग ठिकाना बदल देती हैं। जिन प्रदेशों के गिरोह हैं, वहां ये वारदात नहीं करते, किंतु इनके बारे में स्थानीय पुलिस सब पता होता है। दूसरे प्रदेशों की पुलिस जब इन गिरोहों के सदस्यों को पकड़ने जाती है अथवा कोई सदस्य पकड़ा जाता है तो गिरोह उस प्रदेश को छोड़ दूसरे प्रदेशों में चली जाती है।
चोरी की एक कार को ठिकाने तक पहुंचाने के लिए चालकों को मिलते है 20 हजार
शमशेर राणा लग्जरी कारों को ही चुराता था। जिसमें वह नये लड़कों को एक कार चुराकर उसे ठिकाने तक पहुंचाने के 10 से 20 हजार रुपये देता था। राणा ने पुलिस के गिरोह के दिल्ली के उन इलाकों के बारे में भी जानकारी दी जहां चोरी के वाहन बेचे-खरीदे जाते हैं।