ग्वालियर, 13 जनवरी। शहर के जयारोग्य चिकित्सा समूह में बुधवार शाम को कोविड की तीसरी लहर ने पहले ग्रास के रूप में दो दिन के बेटे से उसकी मां को छीन लिया। मृतका प्रसव के दौरान हुए रैपिट एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आई थी। अचानक डबरा निवासी 25 वर्षीय सद्यप्रसूता का रक्तचाप अचानक गिरा। चिकित्सक कुछ कर पाते उससे पूर्व ही जीवन ने उसका साथ छोड़ दिया। डॉक्टर मौत के कारणों की विवेचना कर रहे हैं। पहले बेटे को जन्म दे मां ने ली अंतिम सांस, कोरोना ने छीन लीं बेटे के जन्म की खुशियां….
डबरा निवासी प्रसूता ने दो दिन पूर्व ही बेटे को जन्म दिया था। जब उसे सांसों के साथ छोड़ने का आभास हुआ तो उसने परिजन व चिकित्सकों के समक्ष बेटे को दृष्टि भर कर देख लेने इच्छा प्रकट की थी। कोरोना संक्रमित होने के कारण विवश मां अपने कलेजे के टुकड़े को हृदय से तो लगा नहीं सकती थी, इसलिए बेटे का चेहरा जी भर कर देख लेने के बाद उसने मृत्यु के समक्ष समर्पण कर दिया। विवाह के एक वर्ष परिवार बेटे के जन्म का उत्सव मना पाता उससे पूर्व ही लाड़ली बहू को छीन कोरोना ने मातम पसार दिया।
एक वर्ष पूर्व हुआ था विवाह, प्रसव पूर्व जांच में निकला कोरोना, मृत्यु ने छीन ली खुशियां
ग्वालियर जिले के डबरा में गोमतीपुरा निवासी अशोक उर्फ नीतेश गुप्ता दिल्ली में एक मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत हैं। कोविड की पहली लहर के दौरान नीतेश और वर्षा का विवाह हुआ था। विवाह के बाद दोनों नीतेश-वर्षा दिल्ली में साथ रह रहे ते औऱ काफी खुश थे। विगत दीपावली पर नीतेश और वर्षा घर आए थे। वर्षा के सात माह की गर्भवती होने की खुशख़बरी से दोनों परिवार बेहद प्रसन्न थे। नीतेश देखभाल और प्रसव के लिए वर्षा को परिवार के साथ ही छोड़ गया था। सब कुछ ठीक था, किंतु दिल्ली में तेजी से फैले कोरोना संक्रमण की चपेट में वर्षा भी आ चुकी थी।प्रसव के समय हुई जांचों में वर्षा को कोरोना संक्रमित पाया गया। परिजन 10 जनवरी को वर्षा को डिलीवरी के लिए लेकर ग्वालियर के एक अस्पताल में पहुंचे थे। रैपिड एंटीजन टेस्ट कोरोना संक्रमित पाई गई वर्षा को खांसी थी न जुकाम। उसने एक सुंदर-स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। शादी के एक साल बाद गुप्ता परिवार में कुलदीपक के जन्म पर खुशियां मनने लगीं। कोरोना संक्रमण के कारण मां को बेटे से दूर रखा जा रहा था। पूरी तरह स्वस्थ दिख रही वर्षा की 11 जनवरी को अचानक स्थिति बिगड़ने लगी, उसका रक्तचाप एकदम नीचे चला गया, सांसे उखड़ने लगीं। डॉक्टरों ने उसे निगराना में ले लिया। उसे पहले जेएएच के टीबी वार्ड में रखा गया फिर सुपर स्पेशियलिटी में भेजा गया, किंतु उसे बचाया नहीं जा सका। वर्षा के पति और परिजन मानने को तैयार नहीं है कि मृत्यु का कारण कोरोना है। उनका कहना है कि उसकी मौत ब्लडप्रेशर के नियंत्रित न हो पाने के कारण हुई है।
वर्षा की मौत को स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर की पहली कोविड मौत माना है, जबकि परिजन मानने को तैयार नहीं है। वह जबरदस्ती शव को बिना कोविड प्रोटोकॉल फॉलो किए डबरा ले गए। बुधवार रात को वहां जवाहरगंज मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।