नई दिल्ली, 11 जनवरी। चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो को IPL की टाइटल स्पॉन्सरशिप से हटा दिया गया है। उसकी जगह टाटा ग्रुप को IPL का नया टाइटल स्पॉन्सर बनाया गया है। आगामी 2023 से टूर्नामेंट अब इस आयोजन को TATA IPL के नाम से जाना जाएगा। ज्ञातव्य है कि विगत वर्ष चीन और भारत में तनातनी के कारण वीवो से टाइटल के अधिकारों को स्थानांतरण नहीं किया गया था। यद्यपि वीवो 2022 तक आईपीएल की टाइटर स्पॉन्सर बनी रहेगी। IPL के चेयरमैन बृजेश पटेल ने संवाद माध्यमों को इसकी सूचना दी है कि मंगलवार को IPL गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया।
चीनी कंपनी वीवो IPL की टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए BCCI को हर साल 440 करोड़ रुपए देती है। पिछले साल भारत-चीन के बीच हुए विवाद के कारण जब देश में विरोध हुआ, तब एक साल के लिए वीवो को ब्रेक लेना पड़ा था। इससे पहले IPL 2020 के सीजन में फैंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम-11 टाइटल स्पॉन्सर रही थी। इसके लिए ड्रीम-11 ने BCCI को 222 करोड़ रुपए दिए थे। यह कॉन्ट्रैक्ट 18 अगस्त से 31 दिसंबर 2020 तक के लिए था। यह राशि वीवो के सालाना भुगतान की करीब आधी थी। वीवो का IPL टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 2190 करोड़ रुपए के साथ 5 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट हुआ था। कंपनी सालाना 440 करोड़ रुपए देती थी। यह कॉन्ट्रैक्ट 2018 से 2022 तक का था। पहले खबर थी कि वीवो का कॉन्ट्रेक्ट 2023 तक के लिए बढ़ाया जा सकता था, लेकिन अब टाटा ने उसकी जगह ले ली है।
अब सेंट्रल से टाइटल तक देशी कंपनियों को कब्जा
टाइटल स्पांसरशिप चीनी कंपनी वीवों के पास थी, किंतु IPL के सेंट्रल स्पॉन्सरशिप में देशी कंपनियों का ही बोलबाला रहा है। ज्ञातव्य है कि सेंट्रल और टाइटल स्पॉन्सरशिप के अधिकार अलग-अलग हैं। आईपीएल में सेंट्रल स्पॉन्सरशिप के तहत जर्सी के अधिकार नहीं आते हैं। यानी जर्सी पर छपे लोगो पर केवल टाइटल स्पॉन्सरशिप का ही अधिकार होता है। साथ ही कंपनी को अपने ब्रांडिंग के लिए मैच के बाद का प्रजेंटेशन एरिया, डग आउट में बैकड्रॉप और बाउंड्री रोप जैसे बढ़िया स्पेस मिलते हैं। टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से ज्यादा पैसा देना होता है।