ग्वालियर, 01 जनवरी। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने हुए लॉकडाउन ने आर्थिक संकट पैदा किया तो घर चलाने कॉलगर्ल बनना पड़ा। ग्वालियर के पड़ाव थाने कुछ ही मीटर दूर पाठक गेस्ट हाउस में संचालित देह-व्यापार के क्राइम-ब्रांच के हत्थे चढ़ जाने पर पकड़ी गई कॉल-गर्स ने प्रारंभिक पूछताछ में स्वीकार किया कि गरीबी में घर चलाने की मजबूरी ने इस रैकेट के चंगुल में फंसा दिया। गेस्ट-हाउस का मालिक विकेश पाठक पुलिस के चंगुल से बचकर फ़रार होने में कामयाब हो गया।

पुलिस ने 4 कॉलगर्ल्से व बुकिंग मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पकड़े गए लोगों से कड़ाई से पूछताछ कर रही है ताकि इस रैकेट की और कड़ियां खोली जा सकें।

बुकिंग मैनेजर ने क्राइम-ब्रांच के पंटर को दिखाए दर्जनों कॉलगर्ल्स के फोटो

पड़ाव थाने से कुछ ही मीटर दूर पाठक गेस्ट हाउस में देह-व्यापार जैसी संदिग्ध गतिविधियों की भनक पुलिस की क्राइम-ब्रांच को मिली थी। क्राइम ब्रांच की टीम के एक सदस्य ने सादा कपड़ों में गेस्ट हाउस में भेजा गया। वहां मांग करने पर उसे बुकिंग मैनेजर ने मोबाइल में एल्बम खोल कर कई कॉल-गर्ल्स के फोटो दिखाए। मैनेजर ने बताया कि इनमें ₹1000-₹5000 तक एक रात के लिए लिए जाते हैं। इसमें कॉल-गर्ल्स की फीस के साथ ही गेस्ट-हाउस के कमरा का किराया भी शामिल होता है। सौदा तय होते ही पुलिस कर्मी ने अधिकारियों को इशारा कर दिया। संकेत पाते ही क्राइम-ब्रांच की टीम ने गेस्ट-हाउस पर धावा बोल दिया।

4 कॉल-गर्ल्स और बुकिंग मैनेजर गिरफ्तार

पुलिस कार्रवाई में देह व्यापार में लिप्त रविंद्र उर्फ रवि धाकड़, शिवानी जाटव, रेनू जाटव, सुमन बाथम और खुशबू श्रीवास्तव नामक लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है। गेस्ट-हाउस संचालक विकेश पाठक फरार होने में कामयाब हो गया, उसकी तलाश जारी है। क्राइम-ब्रांच के अतरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडौतिया ने बताया कि देह व्यापार से हुई कमाई का आधा हिस्सा गेस्ट-हाउस के पास रहता था, जबकि आधा कॉल-गर्ल्स व दलालों को दिया जाता था।

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