ग्वालियर, 13 दिसंबर। दहेज के लिए कोई पति इतना ज़ालिम बन सकता है कि जिस पत्नी ने उसके सुख के लिए अपना सब कुछ निछावर कर दिया उसे मौत के मुंह में धकेलकर घर से बाहर निकाल दिया। ससुराल के जुल्म-ओ-सितम से शादी के चार वर्ष बाद ही 27 वर्षीय युवती बुजुर्ग नज़र आने लगी है। पति व ससुराल के जुल्मों से बेजार सोनिया की बस यही आखिरी मुराद–जी तो पाऊंगी नहीं मरने से पहले चाहती हूं कि पति व ससुराली भेड़ियों को मिले फांसी की सजा, ताकि आत्मा को शांति मिले….  

मजदूर मां की 27 वर्षीय बेटी सोनिया को चार वर्ष तक पति और ससुरालवालों ने बंधक बना इतने जुल्म ढाए कि वह क्षयरोग की शिकार बन गई। इतना ही नहीं कि उसे खाने-पीने के लिए रूखा-सूखा दिया गया, बल्कि मारपीट कर घर के सारे काम भी करवाए जाते। मारपीट पति ग़ुलफ़ाम ही नहीं सास, जेठ-जेठानियां और सभी ससुराली करते थे। उसे चार वर्ष तक मायके में बात तक नहीं करने दी। बहरी दुनिया से भी दूर रखा गया ताकि वह ससुराल की दास्तान-ए-जुल्म किसी को सुना न सके। काम करने में असमर्थ होने पर सोनिया की झाड़फूंक कराई गई, और मरणासन्न होते ही दो बच्चों समेत उसे मजदूर मां के घर फेंक दिया गया।

बेचारी गरीब अब बीमारी के ख़ौफ़ औऱ ससुरालियों के जुल्म तले जीने की आस भी छोड़ चुकी है। उसे अब चिंता बस अपनी संतानों के भविष्य और ससुरालियों को उनके जुर्म की सजा दिलावाने की रह गई है। जिंदगी से पूरी तरह निराश सोनिया चाहती है कि उसके सपनों को कुचल डालने वाले इंसानियत के गुनाहगारों को फांसी हो।       

सोनिया की जुबानी पति व ससुरालियों के जुल्म की कहानी

रामाजी का पुरा निवासी 27 वर्षीय सोनिया की शादी परिवार की दोनों पक्षों की रज़ामंदी औऱ खुशी से 14 जनवरी 2018 को सुनारों की बगिया कटी घाटी निवासी गुलफाम खां के हुई थी। एक दुकान पर काम करने वाले ग़ुलफ़ाम को सम्मेलन से शादी होने के बाद भी सोनिया की मां ने एक बाइक दी थी। नाकारा दामाद ने दहेज में मिली बाइक बेच दी, और नवविवाहित से मायके से दूसरी गाड़ी दिलवाने की मांग करने लगा। इसके बाद पति की मारपीट के साथ ही सास, जेठ-जेठानियों की प्रताड़ना रोजमर्रा की बात हो गई। गृह-लक्ष्मी सोनिया को घर की नौकरानी से भी बुरी हालत में रखा जाने लगा। एक कमरे में बंधक बनाकर रखी गई सोनिया चार वर्ष में दो बच्चों की मां तो बना दी गई, लेकिन सुबह से शाम तक घरेलू काम में जुते रहने के बाद भी उसे गिन कर रूखी सूखी रोटियां दी जाती रहीं। बेटी महक (3) और बेटा अरशद (2) के जन्म के बाद भी प्रताड़ना कम नहीं हुई, बल्कि और बढ़ गई। खाने को सूखी रोटी, कई दिनों के फाके और पानी से गुज़ारे के सिलसिले ने कुपोषित सोनिया को टीबी की मरीज़ बना दिया।

संगदिल ससुरालियों ने इलाज की जगह तांत्रिक और हकीम के हवाले कर दिया, जब लगने लगा कि सोनिया की बीमारी उसकी जान ही ले लेगी, वह 27 वर्ष की युवती की जगह ढलती उम्र की बूढ़ी नज़र आने लगी, तो सास सोनिया को पति की अनुपस्थिति में मायके छोड़ आई। सोनिया ने किसी तरह अपनी पीड़ागाथा पड़ोसियों को सुनाई। पड़ोसियों ने वीडियो अभिलेख के माध्यम से शिकायत बहोड़ापुर थाना को सौंपी। पुलिस ने आरोपी पति गुलफाम के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।

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