सदमे में डूबे पिता ने SP से लगाई गुहार–बेटे के मौत की जांच हो

ग्वालियर, 07 दिसंबर। पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई में मंगलवार को एक सेवानिवृत प्राचार्य ने न्याय के लिए पुकार लगई। पूर्व प्राचार्य अशोक वर्मा का आरोप है कि बेटा सुशील की 30 अक्टूबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बेटे की मौत के सदमे से उबर भी नहीं पाए थे कि उसकी पत्नी ने पुलिस बल के साथ ससुराल आकर हंगामा खड़ा कर दिया। बगैर किसी न्यायालयीन आदेश के पुलिस ने दबंगई दिखाते हुए लगभग सात लाख रुपए के आभूषण बहू कि दिलवा दिए, जबकि शादी में उनके पिता ने कुछ भी नहीं दिया था, यहां तक कि भोज का व्यय भी वर पक्ष ने ही उठाया था। पुलिस ने शोक-संतप्त पिता पर दबाव बना कर आभूषणों सौंपने की स्वीकृति भी लिखवा ली। पिता ने पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में बेटे की संदिग्ध मृत्यु के पीछे भी बहू का हाथ होने की आशंका जताई है। पिता का आरोप, बहू ने मायके वालों के साथ मिल कर बेटे की कराई हत्या…..

सेवा-निवृत प्राचार्य अशोक वर्मा के बेटे सुशील का विवाह 2017 में उत्तरप्रदेश के झांसी की प्रियंका वर्मा से हुआ था। अशोक वर्मा ने बताया कि 17 अक्टूबर 2021 को नातिनी के दष्टोन समारोह के दौरान सुशील को कुछ ऐसा खिलाया गया कि वह बीमार हो गया। सुबह होते ही उसकी स्थिति ख़राब हो गई औऱ उसे आरोग्यधाम में भर्ती कराया गया। संदिग्ध भोजन का उसके लिवर व किडनी पर असर जांच में सामने आया। आरोग्यधाम में चिंताजनक स्थितियों के देख सुशील को परिवार अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। उपचार में लगभग 6 लाख रुपए खर्च हो गए, लेकिन 30 अकटूबर को सुशील परिजन को बिलखता छोड़ सदैव के लिए विदा हो गया। श्मशान में ही सुशील के ससुराल पक्ष के लोगों के फुसफुसाते सुना था कि सुशील को 17 अक्टूबर को ही भोजन के दो घंटे के अंदर मर जाना चाहिए था। अशोक वर्मा के अनुसार बेटे की मौत का आघात इतना गहरा था कि वह कुछ सोच समझ नहीं पाए और न ही पोस्टमार्टम करा सके। बाद में ज्ञात हुआ कि प्रियंका के मायके वाले चाहते थे कि सुशील से छुटकारा पाकर आभूषण हथियाएं और प्रियंका का विवाह दूसरी जगह कर दिया जाए।

पुलिस ने दिखाई दबंगई औऱ बहू को दिला दिए उनके पारिवारिक 7 लाख के आभूषण

अशोक वर्मा ने बताया–11 नवंबर को पुलिस टीम के साथ प्रियंका, उसका भाई व पिता ग्वालियर आए और उनके कहने पर पुलिस थाना ग्वालियर के प्रभारी  इंस्पेक्टर परिहार नें एक आरक्षक भेजकर मुझे थाने बुलवाया और धमकाते हुए स्वीकृति के पंचनामे पर हवालात में डाल देने की धमकी देकर हस्ताक्षर करवाए औऱ घर के सारे आभूषण प्रियंका के हवाले करा दिए। अशोक वर्मा ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों के बहू प्रियंका के साथ आने पर थाना प्रभारी आलोक परिहार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की थी। किंतु, उन्होंने अशोक वर्मा को ही धमका दिया।

पुलिस अधीक्षक से मांगा न्याय, कहा–बेटे के हत्यारों को मिले सजा

अशोक वर्मा 7 दिसंबर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई में पहुंचे और आवेदन देते हुए बेटा सुशील की मृत्यु को हत्या बताते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। वर्मा ने बहू प्रियंका के पुलिस की दबंगई दिखा हथियाए गए आभूषण भी वापस दिलाने की मांग की है। पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने भी माना है कि पुलिस को किसी भी पारिवारिक विवाद में किसी को गहने या संपत्ति दिलाने का अधिकार नहीं है। इस मामले में थाना प्रभारी और कुल अन्य पुलिस कर्मियों से पूछताछ के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।  

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