ग्वालियर, 18 नवंबर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुपुत्र महाआर्यमन सिंधिया ने गुरुवार को जीवाजी क्लब ग्वालियर में प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस दौरान महाआर्यमन ने उनके साथ संवाद भी किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने उनसे अपनी जिज्ञासाओं का समाधान मांगा। महाआर्यमन ने उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया, साथ ही येल यूनिवर्सिटी में सीखे प्रबंधन के गुर भी विद्यार्थियों के साथ बांटे।
सिंधिया राजवंश की चौथी पीढ़ी के नुमाइंदे के तौर पर महाआर्यमन सिंधिया जनसेवा के लोकपथ की यात्रा का शुभारंभ कर चुके हैं। उन्होंने बुधवार को 26वां जन्मदिन पहली बार सार्वजनिक रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं और शहर के युवा नागरिकों के साथ मनाया। जन्मदिन के जश्न में नजर आए उत्साह से महाआर्यमन खुद भी नई ऊर्जा से भर गए। गुरुवार को उन्होंने शहर के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया और उनके साथ संवाद भी स्थापित किया।
महाआर्यमन ने किया जिज्ञासाओं का समाधान, बताया–कैसे पाएं डर पर काबू और बढ़ें आगे
जीवाजी क्लब में शहर के प्रतिभाशाली विद्यार्थी महाआर्यमन को पास से देखने भर के लिए उत्साहित थे। उनके मन में जिज्ञासाएं बहुत थीं, लेकिन सिंधिया राजवंश के महाआर्यमन से संवाद में संकोच भी था, इसलिए शुभारंभ महाआर्यमन ने ही किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान के अनुभव बताए। ऊंचाई से डर पर काबू पाने जैसे कुछ निजी अनुभवों से विद्यार्थियों को अपने कई तरह के डरों पर काबू पाना भी सिखाया। संकोच टूटा तो विद्यार्थियों ने हर तरह के सावल किए, और महाआर्मन ने उनके आत्मविश्वास के साथ जवाब दिए। महाआर्यमन ने अमेरिका की मशहूर येल यूनिवर्सिटी में सीखे प्रबंधन के गुर औऱ अनुभव विद्यार्थियों के साथ बांटे। उन्हें टीम-बिल्डिंग औऱ टीम के साथ काम करते हुए अपने लक्ष्य प्राप्त करने के तरीके भी सुझाए। महाआर्यमन सिंधिया विद्यार्थों को उच्चशिक्षा के लिए उपलब्ध कई स्कॉलरशिप औऱ उनके हासिल करने के रास्ते भी बताए।