ग्वालियर, 08 नवंबर। जीवाजी विश्वविद्यालय (JU) में आयोजित ‘ग्वालियर टू ग्लोबल’ समिट में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस विचार को शहर व देश के समग्र विकास के लिए अच्छी प्रक्रिया क़रार दिया है। कॉन्फेडरेशन और इंडियन इंडस्ट्रीज के साथ सोमवार शाम JU के अटल बिहार वाजपेयी इंटरनेशनल कंवेन्शन सेंटर में आयोजित इस समिट में मुख्य-अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने विकास का प्रक्रिया में शैक्षणिक संस्थान, उद्योग व युवाओं को एक मंच पर आना होगा।
जीवाजी विश्विद्यालय में आयोजित G2G समिट में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस विचार के दोतरफा परिभाषित करने की अपील की। सिंधिया ने G2G के विचार को ‘ग्वालियर टू ग्लोबल’ के साथ ही ‘ग्लोबल टू ग्वालियर’ भी विस्तृत किए जाने पर ज़ोर दिया। सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर में अपार संभावनाएं हैं, जरूरत महज सही ब्रांडिग की है।
सिंधिया ने दिए 7 सूत्र जिनसे ग्लोबल बनेगा ग्वालियर
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि G2G के विचार को दोतरफा परिभाषित करने की जरूरत है। ग्वावियर विश्व को उसकी सांस्कृतिक-ऐतिहासिक विरासत व संगीत को जानने-समझने का अवसर दे सकता है, जबकि विश्व से रक्षा-उद्यमिता व शोध, कृषि-डेयरी, हस्त-शिल्प-पॉटरी और शिक्षण-संस्थानों को विकसित करने में सहयोग ले सकता है। सिंधिया ने कहा कि शहर में विश्वस्तरीय संस्थान हैं, संसाधन में हैं और उत्पाद भी हैं, बस इनके सही तरीके से ब्रांडिंग किए जाने की आवश्यकता है। इस तरह की ब्रांडिंग के लिए सिंधिया ने विमानतल, रेलवे-स्टेशन, बस-स्टैंड और दूसरी पर्यटन महत्व के स्थानों पर शहर के इतिहास, संस्कृति एवं सभ्यता साथ ही शहर के विशिष्ट स्थानीय उत्पादों की झांकियां सजाई जानी चाहिए। इन स्थानों से शहर की ब्रांडिंग देश-विदेश में अपने आप होने लगती है। सिंधिया ने सुझाव दिया कि हमारे उद्यमियों को दिल्ली से कम दूरी का लाभ लेने के उपाय तलाशने चाहिए।
अब पराली व गोबर के उपयोगों पर JU में होगा शोध
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने शैक्षणिक व शोध संस्थानों को एक दूसरे के नज़दीक आकर विचार व विकास की प्रक्रिया में युवाओं को भी शामिल किए जाने पर जोर दिया। सिंधिया ने जानकारी दी कि DRDO अंचल के श्योपुर में क़रीब एक हजार करोड़ के निवेश से रक्षा-क्षेत्र में शोध के लिए विश्व-स्तरीय संस्थान स्थापित करेगा। G2G समिट में केंद्रीय मंत्री सिंधिया व जेयू कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला के प्रयासों से एक कंपनी ‘WORK-FI’ का जेयू के साथ MOU पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के तहत एक गोबर व पराली बैंक बनाया जाएगा। जेयू में इस पर शोध किया जा रहा है कि पराली व गोबर में कुछ एडिटिव मिलाकर इसके किसान व समाज के बाकी हिस्सों के उपयोग में आने वाले विभिन्न उत्पाद विकसित किए जा सकें।