ग्वालियर, 25 सितंबर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने चिकित्सा अधिकारी पद के लिए होने वाले साक्षात्कार पर रोक लगा दी है। सोमवार 27 सितंबर को होने वाले इन साक्षात्कारों पर रोक लगा दी गई है। उच्च न्यायालय ने MPPSC को नोटिस जारी कर जवाबतलब किया है।

मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग ने मेडिकल ऑफिसर के करीब पौने छह सौ पदों के लिए 27 सितंबर का दिन साक्षात्कार के लिए तय किया है। बगैर परीक्षा लिए इल साक्षात्कारों पर आपत्ति जताते हुए डा.रौनक शर्मा समेत कुछ चिकित्सकों ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया था कि मेडिकल ऑफिसर का पद राजपत्रित होकर सेकंड ग्रेड के अधिकारी का पद है। इसलिए सीधे साक्षात्कार के माध्यम से इन पदों को भरा जाना उचित नहीं है। इसमें पक्षपात पूर्ण प्रक्रिया अपनाए जाने का भी अंदेशा है। इसलिए पहले इन पदों पर मेडिकल ऑफिसर नियुक्त करने के लिए लिखित परीक्षा होनी चाहिए। परीक्षा की प्रावीण्य सूची के आधार पर चयनित उम्मीदवारों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए।

डॉ.रौनक के अधिवक्ता के अनुसार मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग ने इन पदों को सीधे साक्षात्कार से भरने की कोशिश की है। यह दूसरे अभ्यर्थियों के सांविधानिक अधिकारों का खुले तौर पर उल्लंघन है। इसलिए 27 सितंबर को होने वाले साक्षात्कार पर रोक लगाई जाए। उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग और राज्य शासन को नोटिस जारी कर और 30 सितंबर तक जवाब मांगा है।

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