नई दिल्ली, 20 सितंबर। पंजाब का मुख्य मंत्री बनते की चरणजीत सिंह चन्नी के पीछे ‘मी टू’ का भूत लगता नज़र आ रहा है। रविवार को उनके नेता चुने जाते ही भाजपा ने उन्हें घेरा था। अब सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले को उठाते हुए सोनिया गांधी से चन्नी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग की है। चन्नी को मिला था महिला IAS अधिकारी की शिकायत पर राज्य महिला आयोग का नोटिस, फिर कैसे बनाया मुख्यमंत्री….
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि 2018 में ‘ मी टू’ आंदोलन के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी के विरुद्ध एक महिला IAS अधिकारी ने आरोप लगाए थे। राज्य महिला आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और उन्हें हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ था। जुलाई 2021 में चन्नी को राज्य महिला आयोग ने नोटिस देकर तलब किया था। नोटिस पर उपस्थित होना तो दूर चन्नी राज्य के मंत्री बने और आज मुख्यमंत्री भी बन गए हैं।
दुख है कि महिला होते हुए सोनिया गांधी ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दुख जताया है कि इसके बावजूद कांग्रेस की अध्य सोनिया गांधी ने महिला होते हुए भी पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया दिया है। यह महिला सुरक्षा के साथ विश्वासघात है। आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा–चन्नी महिला सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं। उनके विरुद्ध जांच होनी चाहिए। वह मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं है। मैं सोनिया गांधी से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का आग्रह करती हूं।’
IAS अधिकारी को नहीं मिला न्याय तो आम महिला कितनी सुरक्षित ?
रेखा शर्मा ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि यह शर्मनाक है कि मीटू के आरोपी को पंजाब का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। हम नहीं चाहते हैं कि ऐसा व्यक्ति पंजाब का मुख्यमंत्री रहे और उसके कारण किसी अन्य महिला को उन्हीं अनुभवों व प्रताड़ना से गुजरना पड़े, जैसी कि महिला IAS ने झेली थी। रेखा शर्मा ने कहा कि चन्नी को जिम्मेदारी समझते हुए खुद ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। शर्मा ने प्रश्न उठाया कि जब एक महिला IAS को न्याय नहीं मिला तो कैसे उम्मीद की जा सकती है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार आम महिलाओं के साथ न्याय करेगी। ऐसे में महिला सुरक्षा को गंभीर ख़तरा पैदा हो गया है।