चन्नी पर है ‘मी टू’ का आरोप, 18 मई 2021 को महलिा आयोग ने दिया था नोटिस

चंडीगढ़, 19 सितंबर। विधायक चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। चन्नी पंजाब के पहले दलित सिख मुख्यमंत्री होंगे। चन्नी ने हरीश रावत के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी। इससे पहले उन्हें विधायक दल का नेता भी चुना गया। पूरे दिन नवजोत सिद्धू के नजदीकी सुखजिंदर रंधावा के मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा जोरों पर रही, लेकिन शाम होते होते रंधावा के नाम पर विरोध उठने लगा। कुद नवजोसिंह सिद्धू ने ही अपने नजदीकी रंधावा की जगह दूसरे नजदीकी दलित सिख चन्नी के नाम का समर्थन किया। आखिरकार हाईकमान ने चन्नी को प्रदेश की बागडोर सौंपने का निर्णय ले लिया।

इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद रविवार को चंडीगढ़ में होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक स्थगित कर दी गई थी। कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के नामों पर मंथन किया जा रहा था। इसमें अंबिका सोनी से भी सोनिया गांधी ने राय ली थी। हालांकि सोनी ने मुख्यमंत्री पद की पेशकश को ठुकरा दिया था। राहुल गांधी से मिलने पहुंचीं सोनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री का चेहरा सिख होना चाहिए। 

विधायकों ने चुना था रंधावा को, सिद्धू नहीं माने

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पहले CM के लिए सुखजिंदर सिंह रंधावा (सुक्खी) के नाम पर सहमति बन गई थी, लेकिन नवजोत सिद्धू उनके नाम पर राजी नहीं थे। सिद्धू ने पहले खुद को CM बनाने का दावा ठोंका था, लेकिन हाईकमान ने उनके नाम को हरी झंडी नहीं दी। इसके बाद सिद्धू खेमे ने दलित मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। सिद्धू की तरफ से चन्नी का नाम रखने के पीछे खास वजह है। दरअसल, सिद्धू ऐसा CM चाहते हैं जो उनकी हर बात माने, लेकिन सुखजिंदर रंधावा पंजाब के कद्दावर मंत्री थे और वह यस मेन नहीं हो सकते थे।  

चन्नी के बहाने कांग्रेस का 32% दलित वोट बैंक पर निशाना
चन्नी के सहारे कांग्रेस ने पंजाब में 32% दलित वोट बैंक पर निशाना साधा है। इसके अलावा अकाली दल के दलित डिप्टी सीएम बनाने के चुनावी वादे का भी तोड़ निकाल लिया। भाजपा ने भी दलित CM बनाने का वादा किया था। आम आदमी पार्टी दावा करती थी कि उन्होंने पंजाब विधानसभा में दलित नेता हरपाल चीमा को विपक्ष का नेता बनाया है। कांग्रेस मान रही है कि दलित मुख्यमंत्री के दांव से पंजाब में दावा ठोक रहीं सभी पार्टियों को पिलहाल टखनी दे दी है।

रंधावा का नाम चला तो वे विधायकों से मिलने पहुंचे
इससे पहले जब माझा इलाके के बड़े नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आया था, तो वे अपने घर से निकलकर विधायक कुलबीर जीरा के घर पहुंच गए। यहां करीब आधे घंटे रुकने के बाद वे निकल गए। रंधावा ने इस फैसले का स्वागत किया। पहले उनका नाम आने के सवाल पर रंधावा ने कहा कि यह हाईकमान का फैसला है। उन्होंने कहा कि जो मंत्री कैप्टन के विरोध में इकट्‌ठा हुए थे, उनमें से कोई भी CM बन जाए, यह हमने पहले दिन से तय कर लिया था। उन्होंने कहा कि मैं पहले भी पावरफुल मंत्री था और आगे भी रहूंगा।

चन्नी पर IAS अधिकारी ने लगाए थे ‘मी-टू’ का आरोप, भेजे थे अभद्र मैसेज

पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए चरणजीत सिंह चन्नी के लिए पंजाब की मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालना आसान नहीं रहेगा। उन पर ‘मी टू’ का आरोप लग चुका है। वह इस पर सफाई दे चुके हैं कि वह मैसेज गलती से चला गया था। मामला 2018 का है, चन्नी पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक महिला आईएएस अधिकारी को अभद्र मैसेज भेजा था। चन्नी ने कहा था कि मैसेज अश्लील नहीं और रूटीन में ही उन्होंने कई लोगों को भेजा था, जिसमें महिला अधिकारी को भी चला गया था। चन्नी ने कहा कि उन्होंने दूसरे ही दिन महिला अधिकारी से इस संबंध में गलती मान ली थी, लेकिन 18 मई 2021 को पंजाब महिला आयोग की चीफ मनीषा गुलाटी ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को नोटिस भेजा था।

दो डिप्टी CM बनाने का फैसला
पंजाब में नए मुख्यमंत्री का नाम तय करने के साथ ही दो डिप्टी CM बनाने का फैसला भी लिया गया है। बताया जा रहा है कि अरुणा चौधरी और भारत भूषण आशु के नाम डिप्टी CM के लिए तय किए गए हैं। हिंदू नेता भारत भूषण आशु लुधियाना वेस्ट से 2012 और 2017 में विधायक चुने गए थे। वे कैप्टन सरकार में फूड, सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर भी रहे हैं। इससे पहले वे नगर निगम में पार्षद थे। आशु को फिलहाल पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ का करीबी माना जाता है। इससे पहले वे प्रताप सिंह बाजवा के ग्रुप में थे। कैप्टन से उनकी ज्यादा नहीं बनी, लेकिन हाईकमान के दबाव से वो दूसरी बार विधायक बनते ही मंत्री बनने में कामयाब रहे थे।

अरुणा चौधरी गुरदासपुर के दीनानगर से विधायक और दलित नेता हैं। वे कैप्टन सरकार में सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री रही हैं। वे 2002, 2012 और फिर 2017 में दीनानगर से ही विधायक चुनी गई थीं। वे अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की विधायक हैं। उनके ससुर जय मुनी चौधरी दीनानगर के लगातार 25 साल तक विधायक रहे थे।

कैप्टन ने सोनिया को लिखा था पत्र, सिद्धू को बताया था देश के लिए ख़तरा

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने से पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि उनकी सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में 89 फीसदी वादों को पूरा किया है। चिट्ठी में कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस में हो रहे राजनीतिक फेरबदल के कारण प्रदेश में अस्थिरता पैदा होने की भी आशंका जाहिर की। उन्होंने सिद्धू को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और सेनाध्यक्ष क़मर जावेद बाजवा का करीबी बताते हुए देश के लिए ख़तर बताया।

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