ग्वालियर, 02 सितंबर। मध्यप्रदेश में बचे कुल छह में से चार सफेद शेर अकेले ग्वालियर में हैं। शहर में जमुना ने दो सफेद बाघ शावकों को जन्म दिया था। इसमें से शेरा व मीरा व्हाइट टाइगर हैं। जबकि लक्ष्मी आंशिक श्वेत थी। यहां पहले से दो व्हाइट टाइगर लव-कुश भी थे, लेकिन बीते साल कुश की पेट के संक्रमण से मौत हो गई थी।
ग्वालियर के चिड़िया घर में बुधवार रात छह वर्षीय सफेद बाघिन मीरा ने कुश के दो शावकों को जन्म दिया है। जिनमें एक शावक सफेद और दूसरा आंशिक पीले रंग का है। अभी दोनों को 30 दिन तक आइसोलेशन में रखा जा रहा है। ज्ञातव्य है कि कि गांधी प्राणी उद्यान में नई दिल्ली के नेशनल जूलोजिकल पार्क से 2010 में सफेद बाघिन जमुना ग्वालियर चिड़ियाघर में लाई गई थी तभी से चिड़ियाघर में संरक्षित शेरों के में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
टाइगर मादा मीरा के भोजन का खास ख्याल रखा गया है
मादा मीरा के भोजन का खास ख्याल रखा गया है। माता मीरा को डाइट के तौर पर हल्का खाना जैसे चिकन सूप, दूध, उबले हुए अंडे दिए जा रहे हैं। चिड़ियाघर के क्यूरेटर डॉ. गौरव परिहार का कहना है कि शिशु शावकों के स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही तीस से चालीस दिन तक शावकों को आईसोलेशन में रखा जाएगा और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के प्रोटोकोल का पालन किया जाएगा
इंटरनेशनल स्डट बुक में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू
यमुना के तीनों शावकों के नाम इंटरनेशनल स्टड बुक में शामिल किए गए थे। अब मीरा के शावकों के नाम भी इसमें शामिल किए जाएंगे। शावकों के नामकरण के बाद इनके नाम इंटरनेशनल स्टड बुक में शामिल करने के लिए भेज दिए जाएंगे, सारी औपचारिकती के बाद इन्हें स्टड-बुक में शामिल कर लिए जाएगा। गौरतलब है कि स्टड बुक में पूरी दुनिया के जू में पाए जाने वाले टाइगरों के नाम दर्ज किए जाते हैं। गौरतलब है कि स्टड बुक में पूरी दुनिया के जू में पाए जाने वाले टाइगरों के नाम दर्ज किए जाते हैं। इस बुक में शामिल टाइगर्स की तीन पीढ़ी की वंशावली दर्ज होती है।