ग्वालियर, 14 अगस्त। शहर में शनिवार सुबह नगर निगम के भवन में 60 फीट की ऊंचाई पर लगे राष्ट्रीय ध्वज की डोर बदलते समय क्रेन की ट्रॉली से गिर कर चार कर्मचारी गिर गए। दुर्घटना में तीन तत्काल मृत्यु हो गई, जबकि चौथे का गंभीर अवस्था में अस्पताल उपचार किया जा रहे है। मरने वालों में नगर निगम के दो  कर्मचारी और डाकभवन का चौकीदार शामिल है। घटना के बाद नगर निगम के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मौके पर पहुंचे प्रभारी आयुक्त मुकुल गुप्ता को आक्रोशित भीड़ में शामिल अधिवक्ता मनोज शर्मा ने चांटा मार दिया। आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तौनात की गई है। हादसे पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है। केंद्रीय मंत्री ने हादसे में मृत हुए कर्मचारी के शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाने के साथ ही ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शाति के लिए प्रार्थना की है। जैक टूटा तो बिगड़ा संतुलन और उखड़ गए 3 करोड़ की क्रेन के पैर, 60 फीट से नीचे गिरे कर्मचारी….इस भवन पर नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराता रहता है। स्वतंत्रता दिवस की वजह से इसकी पुरानी हो चुकी डोरी को बदला जाना था। इसके लिए नगर निगम की बहुमंजिला भवनों तक पहुंचने के लिए लाई गई करीब 3 करोड़ लागत की क्रेन मशीन की हाइड्रोलिक आर्म पर बैठ कर तीन कर्मचारी ध्वज की डोर बदल रहे थे, तभी मशीन का दाईं ओर का जैक टूट गया। इससे मशीन का संतुलन बिगड़ा और वह झटके से एक ओर झुकी। परिणामस्वरूप 60 फीट की ऊंचाई पर काम कर रहे कर्मचारी सिर के बव नीचे आ गिरे। इन्हें तत्काल जयारोग्य अस्पताल के ट्रोमा सेंटर भेजा गया। चिकित्सकों ने तीन को तत्काल मृत घोषित कर दिया, चौथे का गंभीर अवस्था में उपचार जारी है। मरने वाले र्मचारी प्रदीप राजौरिया, कुलदीप डंडौतिया और विनोद शर्मा हैं। बताया जाता है कि क्रेन पर चढ़ाए गए कर्मचारी पूरी तरह प्रशिक्षत नहीं थे। इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजन को राहत और मुआवजे के तौर पर तीन लाख रुपए प्रदान किए जाने की घोषणा की है।

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