ग्वालियर, 06 अगस्त। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता आरएल भारती और कार्यपालन यंत्री डिवीजन-1 आरके गुप्ता पर 25 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। मुख्य अभियंता और कार्यपालन यंत्री को यह राशि सात दिन के अंदर उच्च न्यायालय के पंजीयन विभाग में जमा करानी होगी। बाद में यह राशि याचिकाकर्ता को दिया जाएगा।

सरमन सिंह कुशवाहा दरअसल लोक निर्माण विभाग में प्लंबर के रूप में तैनात था। वह दैनिक वेतन भोगी के रूप तैनात हुआ था, लेकिन 2005 में उसका स्थाई वर्गीकरण कर दिया गया। सरमन ने 2019 में स्थाई वर्गीकरण से प्लंबर के पद का न्यूनतम वेतनमान देने की मांग की थी। उच्च् न्यायालय ने आदेश दिया कि तीन महीने के भीतर प्लंबर सरमन सिंह कुशवाहा को भुगतान किया जाए, लेकिन आदेश के बावजूद सरमन सिंह को न्यूनतम वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया।

BITE-देवेश शर्मा, अधिवक्ता

सरमन सिंह कुशवाहा दरअसल लोक निर्माण विभाग में प्लंबर के रूप में तैनात था। वह दैनिक वेतन भोगी के रूप तैनात हुआ था, लेकिन 2005 में उसका स्थाई वर्गीकरण कर दिया गया। सरमन ने 2019 में स्थाई वर्गीकरण से प्लंबर के पद का न्यूनतम वेतनमान देने की मांग की थी। उच्च् न्यायालय ने आदेश दिया कि तीन महीने के भीतर प्लंबर सरमन सिंह कुशवाहा को भुगतान किया जाए, लेकिन आदेश के बावजूद सरमन सिंह को न्यूनतम वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया।

अवमानना याचिका के बाद भी लापरवाही की तो भुगतना पड़ा अर्थदण्ड

सरमन ने दिसंबर 2020 को उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की। इस बार भी अधिकारियों ने लापरवाही बरती और आदेश की अवहेलना कर दी। गौरतलब है कि मुख्य अभियंता और कार्यपालन यंत्री को व्यक्तिगत पेशी पर आने के निर्देश दिए गए थे। अदालत में यह दोनों अफसर भुगतान करने में देरी का उचित कारण नहीं बता पाए। फरिणामस्वरूप उच्च न्यायालय ने  उन्हें 25 हजार रुपए का अर्थदण्ड सरकारी व्यय पर नहीं स्वयं के श्रोत से जमा कराने का आदेश दिया। 

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