मूल मंत्र: ‘वोकल फॉर लोकल’, COVID-19 प्रोटोकोल्स का सख्ती से पालन
ग्वालियर, 01 अगस्त। जय विलास पैलेस (JVP) स्थित महाराजा जीवाजीराव सिंधिया संग्रहालय करीब सवा साल बाद एक बार फिर गुलजार हो उठा। रविवार को एक दिवसीय कार्निवाल के साथ ही दूरदारज के सैलानियों ने संग्रहालय में संजोई गई नायाब धरोहरों को देखा। कार्निवाल में टीम JVP अंचल भर से खोजी गई प्रतिभाओं को अवसर दिया गया। ज्ञातव्य है कि अब संग्रहालय में वर्ष भर इस तरह के आयोजन जारी रहेंगे ताकि अंचल में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इस संबंध में महारानी प्रियदर्शिनी राजे के निर्देश पर आयोजकों ने COVID-19 प्रोटोकोल का सख्ती से पालन कराया। कार्निवाल और संग्रहालय से रूबरू हो सैलानी भूले लॉकडाउन के ग़म….
कोरोना संक्रमण के चलते देश भर मैं लागू हुए लॉकडाउन के साथ लॉक हुआ JVP का महाराजा जीवाजीराव सिंधिया संग्रहालय कार्निवाल की धूमधाम के साथ अनलॉक हो गया। करीब सवा साल बाद संग्रहालय के अनलॉक होने और कार्निवाल के आयोजन की पूर्व सूचना के कारण सुबह से ही सैलानियों की भीड़ जुट गई। कार्निवाल में ग्वालियर-चंबल की प्रतिभाओं के उत्पाद और कलाकृतियां के लिए सैलानियों में खासा उत्साह देखा गया। कार्निवाल का लुत्फ लेने अंजल के दूर-दराज ही नहीं राजदानी दिल्ली तक से सैलानी जुटे। इस उत्साह को देख म्यूजियम प्रबंधन और टीम JVP को भरोसा हो गया है कि संग्रहालय में साल भर के लिए प्रस्तावित आयोजनों को सैलानियों का स्नेह मिलता रहेगा। गौरतलब है कि JVP की ट्रस्टी महारानी प्रियदर्शिनी राजे के निर्देश पर आयोजन में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया गया। मास्क सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए म्यूजियम में कर्मचारियों की तैनाती की गई।
संग्रहालय में चांदी की ट्रेन औऱ टनों वजनी झूमरों को देखने उमड़े सैलानी
कार्निवाल में करीब 33 स्टाल लगाए गए हैं, इन की थीम ‘वोकल फॉर लोकल’ पर फोकस की गई है। घर में बने पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजन, बेकरी उत्पाद कपड़े एग्रोटेक हस्तशिल्प का भी म्यूजियम की गैलरियों में प्रदर्शन किया गया है। कार्निवाल में टेक्सटाइल वर्कशॉप, अम्मा की रसोई मिशन ऑर्गेनिक प्लेनेट, टैटू, ज्वेलरी के साथ ही संगीत और दूसरी कलाओं का भी मंचन किया जा रहा है। लॉकडाउन के चलते JVP संग्रहालय विगत सवा साल से बंद था। अनलॉक हुए संग्रहालय में सैलानियों को सबसे ज्यादा उत्सुकता चांदी की रेलगाड़ी, दरबार हॉल और उसमें लटके टनों वजनी दो बड़े झूमरों को सदेखने की थी। इसके अलावा रियासत कालीन और द्वितीय विश्व युद्ध के हथियार भी दर्शकों को पसंद आए।
बाइट आकृति…ज्योति… पर्यटक दिल्ली
बाइट गायत्री सिंह …कार्निवल आयोजक