भिण्ड, 31 जुलाई। शनिवार तड़के 5 बजे भिंड उपजेल की बैरक 6-7 की दीवार अचानक ढह गई। मलबे में 22 कैदी दब कर चोटिल हो गए। जेल प्रशासन ने दूसरे कैदियों की मदद से मलबे में दबे कैदियों को निकाला। गंभीर रूप से घायल कैदियों में से एक को गंभीर हालत में ग्वालियर रैफर किया गया है, जबकि एक का इलाज भिंड में ही किया जा रहा है। दुर्घटना के बाद उपजेल से 234 कैदी ग्वालियर जेल में शिफ्ट कर दिए गए हैं पहले प्लास्टर झड़ा, जब तक कैदी निकाले जाते ढह गई जर्जर जेल की दीवार….

अंचल में लगी बारिश की झड़ी से भिण्ड सब-जेल की 63 साल पुरानी जर्जर इमारत की बैरक नं. 6-7 की दीवारों का प्लास्टर शनिवार अलसुबह झड़ने लगा तो प्रहरियों ने जेलर को सूचना दी और हादसे की आशंका भी जताई, लेकिन जब तक कोई बचाव कार्रवाई हो पाती बैरकों की दीवार भरभरा कर ढह गई। हालांकि जेल प्रशासन ने कैदियों को बाहर निकाले जाने के लिए बैरक खोल दिए थे, लेकिन कैदियों को बाहर निकाला जा सकता उससे पूर्व ही दोनों बैरकों की दीवार ढह गई।

जेल प्रशासन ने एम्बुलेंस से घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। सूचना मिलते ही जेल बंदियों के परिजन भी पहले जेल और फिर अस्पताल पहुंचे। हादसे से गुस्साए कैदियों के परिजन ने जेल के बाहर हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंचे भिंड कलेक्टर डॉक्टर सतीश कुमार एस और एसपी मनोज कुमार सिंह बमुश्किल परिजनों को समझा कर ढांढस बंधाया। गंभीर रूप से घायल उदय सिंह को ग्वालियर भेजा गया।  

जर्जर हो चुका है 63 साल पुरानी जेल, 2008 में शुरू हुआ निर्माण

2008 में शुरू हुआ नई जेल का अब तक निर्माण नही हो सका पूरा। इमारत की जर्जर हालत की सूचना जेल प्रशासन को दी गई थी, लेकिन बचाव के उपाय किए जाने से पूर्व ही दीवार ढह गई। अगर निर्माण समय पर हो गया होता तो शायद हादसा नहीं होता।

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