ग्वालियर, 17 जुलाई। जिला न्यायालय ने दहेज लोभी पति देवर और ननद को निचली कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को कंफर्म करते हुए तीनों को जेल भेज दिया है। महिला संजीदा सिद्धकी की शिकायत पर महिला पुलिस थाने ने पति संजय शर्मा उर्फ संजय खान देवर फिरोज खान और ननद रेणु खान सहित सास कल्लो उर्फ चंदाबाई के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि उसके पति ने अपना नाम छिपाते हुए संजय खान बन कर संजीदा सिद्दिकी से दोस्ती और बाद 16 नवंबर 1997 में शादी की थी।
ग्वालियर की संजीदा से धौलपुर के संजय शर्मा ने संजय खान बन कर 16 नवंबर 1997 में सादी की थी। इस बीच संजय और संजीदा के दो बच्चे भी 1998 और 2000 में पैदा हुए। संजीदा का आरोप है कि उसका पति LIC में अधिकारी था जो अब तक उदयपुर में ब्रांच मैनेजर बन चुका है। महिला के ससुराल पहुंचते ही उसे अपने पति की असलियत का पता लगा कि संजय खान का LIC में नाम संजय दर्ज है। जबकि उसका पूरा परिवार सरनेम में खान लिखता था।
संजय शर्मा का परिवार मूलत राजस्थान के धौलपुर का रहने वाला है। दहेज लोलुप ससुरालियों ने याचिकाकर्ता पीड़िता से दहेज में मकान और कार मांगना शुरू कर दिया था। मना करने पर संजीदा की बेरहमी से पिटाई की जाती थी। पीड़िता किसी तरह ग्वालियर के जीवाजीगंज, सूबे की गोठ स्थिति मायके आई और फिर लौटी नहीं। उसने परिजन के सहयो से महिला पुलिस थाने में आरोपी ससुरालियों के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। निचली कोर्ट से इस मामले में 2004 में आरोपियों को एक-एक साल की सजा हुई थी। जिसमें वह जमानत पर चल रहे थे। इसकी अपील उन्होंने एडीजे कोर्ट में की थी, सुनवाई में एडीजे आरके जैन ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को बरकरार रखा। गौरतलब यह भी है कि इस मामले में एक आरोपी , संजीदा की सास चंदाबाई उर्फ कल्लो की मौत हो चुकी है।
बाइट धर्मेंद्र शर्मा… शासकीय अधिवक्ता जिला न्यायालय ग्वालियर