


ग्वालियर, 30 जून। मध्यप्रदेश नर्सेज एसोसिएशन ने अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। नर्सेज एसोसिएशन के पदाधिकारी अपने हॉस्टल के बाहर अस्पताल परिसर में धरने पर बैठी हैं और सरकार एवं प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रही है। प्रदेश भर के साथ ग्वालियर में भी करीब 700 नर्सेज हड़ताल पर चली गई है। इनमें शहर की सिविल डिस्पेंसरी हजीरा सिविल डिस्पेंसरी लक्ष्मीगंज माधवगंज सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नर्सें भी शामिल है। नर्सें 12 सूत्रीय मांगों पर अड़ीं प्रशासन का दावा पर्याप्त हैं वैकल्पिक व्यवस्था…..
अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 12 मई से नर्सेज हड़ताल कर रही हैं। वह इससे पहले गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.समीर गुप्ता, अधीक्षक डा. आरकेएस धाकड़ समेत संभागीय आयुक्त और प्रशासन को ज्ञापन दे चुकी हैं। हालांकि, अब तक उनकी मांगों पर विचार तो दूर किसी भी जनप्रतिनिधि अथवा प्रशासनिक अफसरों ने उनसे चर्चा की कोशिश भी नहीं की है।
प्रशासन का दावा पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्था
अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इस हड़ताल से करीब 100 नर्सेजे के एक गुट ने अपने आप को अलग कर लिया है, साथ ही शहर के नर्सिंग कॉलेज के करीब 150 विद्यार्थियों की मदद से गंभीर किस्म के रोगियों की देखभाल की जा रही है। इनकी सेवाएं न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, ईएनटी, कार्डियोलॉजी, चिल्ड्रन वार्ड, और गायनिक वार्ड में ली जा रही है। इससे पहले 28 जून को नर्सेज एसोसिएशन ने सामूहिक अवकाश लिया था। नर्सेज एसोसिएशन का कहना है कि वह इस बार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं और पूरे प्रदेश के 40 जिले इस हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। नर्सेज का कहना है कि वह प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देते देते थक चुकी हैं, और इस बार आरपार की लड़ाई के मंतव्य से डट गई हैं। इसलिए प्रशासन के दावों के बावजूद आगे चल कर मरीजों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
यह है नर्सेज की प्रमुख मांगे
- 2004 के बाद नियुक्त सभी स्टाफ नर्सों की पुरानी पेंशन लागू की जाए।
- कोरोना काल में काम करने वाली नर्सेस को दो वेतन वृद्धि दी जाए।
- 2018 के आर्दश भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत एवं 90 प्रतिशत का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया चालू की जाए।
- सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेजों में सेवारत नर्सेस को उच्च शिक्षा के लिए आयु सीमा बंधन हटाया जाए।
- कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती की गई नर्सेस को नियमित किया जाए।
- अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के समस्त नर्सेस का स्टाफ नर्स से पदनाम पदलकर नर्सिंग ऑफिसर किया जाए।
- स्वाशासी में से पदस्थ नर्सेंस को सातवा पे कमीशन का लाभ वर्ष 2018 के बजाए सभी कर्मचारियों की भर्ती वर्ष 2016 से दिया जाए।
- कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए।
- मेल नर्स की भर्ती भी तत्काल की जाए।
- शासकीय नर्सिंग कॉलेज एवं स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को कलेक्ट्रेट दर पर मानदेय दिया जाए।