ग्वालियर, 27 मार्च। शुक्रवार शाम स्कूटर पर घर से निकले B-Tech विद्यार्थी ने सागरताल में कूदकर जान दे दी है। शनिवार सुबह उसका स्कूटर सागरताल के किनारे मिला सीट पर मोबाइल और एक भारी पत्थर से दबा सुसाइड नोट भी पुलिस को मिला। पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तत्काल विद्यार्थी की तलाश शुरू कर दी। करीब 2 घंटेकी मशक्कत के बाद शव तालाब से बरामद हो सका। अंग्रेजी में लिखे गए सुसाइड नोट में B-Tech विद्यार्थी ने लिखा है–वह घर बैठे-बैठे परेशान हो गया है, डिप्रेशन अब सहा नहीं जा रहा है। उसकी मौत के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं है। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है, खुदकुशी के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

शनिवार सुबह सागरताल पर सैर करने आने वाले लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी कि सागरताल के गेट के बाहर एक स्कूटर (एक्टिवा) खड़ा हुआ है। स्कूटर पर ही एक मोबाइल व सुसाइड नोट रखा हुआ था। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। स्कूटर के रजिस्ट्रेशन नंबर से पता लगा कि वह पड़ाव थाना क्षेत्र के राजेंद्र प्रसाद कॉलोनी निवासी ट्रांसपोर्ट कारोबारी अनिल श्रीवास्तव के नाम पर है। परिजन से फोन पर पूछताछ में पता चला कि स्कूटर उनका 19 वर्षीय बेटा आयुष श्रीवास्तव शुक्रवार शाम को लेकर निकला था, तभी से वह लापता है। गाड़ी की सीट पर रखा मोबाइल भी आयुष का निकला। सुसाइड नोट में भी आयुष श्रीवास्तव लिखा हुआ था। तस्दीक होते ही पुलिस ने परिजन को आत्महत्या की सूचना दी। गोताखोर ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद सागरताल में 20 फीट की गहराई पर अटके आयुष के शव को निकाला।

घूमने के लिए निकला और वापस नहीं लौटा आयुष

पुलिस के अनुसार 12वीं पास कर B-Tech फर्स्ट ईयर में प्रवेश लिया है, लेकिन COVID-19 संक्रमण के कारण कक्षाएं ऑनलइन बनी रहीं। इस दौरान आयुष दिन भर घर पर ही रहता था। शुक्रवार शाम को वह घर से स्कूटर पर घूमने निकला, फिर लौटा ही नहीं। देर रात तक वह नहीं आया तो पिता ने सूचना पड़ाव पुलिस थाने को दी। पड़ाव थाने की पुलिस उसे तलाश पाती उससे पहले घर वालों तक उसका आत्महत्या की सूचना पहुंच गई।

घर बैठे-बैठे परेशान हूं, अब डिप्रेशन नही सह सकता

पुलिस को मौके से अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में आयुष ने अपनी मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताया है। उसने लिखा है–वह घर बैठे बैठे परेशान हो गया है और डिप्रेशन सहन नहीं कर पा रहा है। उसकी मौत के बाद किसी को भी परेशान न किया जाए।

BTech विद्यार्थी, खाता-पीता घर, आखिर डिप्रेशन क्यों? मृतक आयुष के पांच बहन भाई हैं। तीन भाइयों में वह सबसे छोटा और लाड़ला था। ट्रांसपोर्ट कारोबारी पिता ने कभी कोई आर्थिक अभाव नहीं रहने दिया। पुलिस अंचभे में है कि आखिरकार आयुष को ऐसी क्या परेशानी थी कि उसे डिप्रेशन में आकर आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा। पुलिस निरीक्षक अमर सिंह सिकरवार ने बाताया कि खुदकुशी के कारणों की पड़ताल में जुटी है।

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