ग्वालियर, 12 मार्च। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) की ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (RAEO) और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी (SADO) की परीक्षा में उजागर हुई  गड़बड़ियों के विरोध में शुक्रवार को मानव श्रृंखला बनाकर आंदोलन जारी रखने का संकल्प जताया। कृषि विद्यार्थियों के अनुसार सरकार ने घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन जांच कब पूरी होगी और निरस्त की गई परीक्षा दोबारा कब होगी इसके संबंध में भी किसी तरह का खुलासा नहीं किया है।

नियत समय में जांच, दोबारा परीक्षा औऱ दोषियों को दण्ड दिए जाने तक आंदोलन

ग्वालियर में कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने अपना आंदोलन लगातार बीसवें दिन भी जारी रखा। उन्होंने शुक्रवार को मानव श्रृंखला बनाकर कॉलेज के सामने व्यापमं घोटाले गड़बड़ियों का विरोध जताया। कृषि विद्यार्थी सरकार से ठोस आश्वासन चाहते हैं। कृषि विद्यार्थियों ने आंदोलन के 20वें दिन महाविद्यालय के मुख्यद्वार के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी की और व्यापमं घोटाले की जांच नियत समयावधि में पूरी कराने की मांग की।

कृषि विद्यार्थियों का कहना है कि अपुष्ट सूत्रों ने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद के लिए 11 और 12 फरवरी 2021 को हुई लिखित परीक्षा को निरस्त करने संबंधी आदेश जारी किए जाने की जानकारी दी है, लेकिन परीक्षा दोबारा कब होगी इस को लेकर कुछ भी नहीं बताया गया है।

आठ साल में डिग्री कर पाए PEB ने बना दिया टॉपर

फरवरी 11-12 को आयोजित की गई PEB की RAEO और SADO की परीक्षा कि परिणाम घोषित हुआ तो वर्षों से कड़े मेहनत से तैयारियों में जुटे कृषि विद्यार्थी सकते में आ गए। ग्वालियर के शासकीय कृषि महाविद्यालय से बीएससी पास आउट 10 छात्रों के एक जैसे नंबर आए। विरोध कर रहे परीक्षार्थियों ने आश्चर्य प्रकट किया कि SADO के लिए हुई परीक्षा में सभी टॉपर्स के गलत उत्तर भी एक ही जैसे हैं। गणित में पूरे नंबर लाने वाले परीक्षार्थी महाविद्यालय की परीक्षा में सांख्यिकी में अनुत्तीर्ण हो चुके थे, और चार वर्ष के पाठ्यक्रम को पांच साल में पूरा कर सके थे। आश्चर्य यह भी है कि सभी चंबल क्षेत्र के हैं और इनमें से 9 एक ही जाति के बताए गए हैं। शिकायतकर्ताओं ने सवाल उठाया है कि इन कैंडिडेट्स को सामान्य ज्ञान की परीक्षा में पूरे नंबर मिले, किंतु PEB की आंसर शीट में तीन सवालों के जवाब पाए गए। इन तीन सवालों के जवाब सभी टॉपर्स ने एक जैसे और गलत पाए गए। टॉपर्स के जो जवाब गलत पाए गए हैं, वह  ‘10+2’ स्तर के ही हैं।

प्रदर्शनकारियों ने उठाए सवाल

  1.  PEB ने इस परीक्षा की जिम्मेदारी एनएसईआईटी को दी थी, जो 2017 में उत्तरप्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा में गड़बड़ियों के लिए ब्लैकलिस्ट की जा चुकी है।
  2. TOP-10 में सभी विद्यार्थी चंबल संभाग के हैं, इन्होंने बीएससी (कृषि विज्ञान) शासकीय कृषि महाविद्यालय ग्वालियर से की है और लगभग सभी चार साल की डिग्री को पांच से आठ सालों में पूरा कर पाए हैं।
  3. पास होने वाले छात्रों को 200 में से 195 और 194 अंक मिले हैं, जो कि परीक्षा के इतिहास में सर्वाधिक है। ऐसे में एक ही संभावना है कि या तो उनके पास प्रश्नपत्र था या फिर अंदर से उन्हें मदद मिली है।

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