ग्वालियर, 22 फरवरी। ग्वालियर ट्रांजिट-विजिट के दौरान सोमवार दोपहर भाजपा की फायरब्रांड उमा भारती का शराब बंदी पर रुख कुछ नरम सा होता नज़र आया। संवाद माध्यमों से चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी पर अपने आग्रह को आंदोलन नहीं अभियान करार दिया। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सहमत हैं, लेकिन राजस्व के विकल्प तलाशने के प्रदेश सरकार के प्रायासों के साथ प्रदेश को नशामुक्त करने का मेरा अभियान भी जारी रहेगा। उमा का शराबबंदी आंदोलन अब बना अभियान….

उमा भारती के शराबबंदी के बयान का जैसे ही कांग्रेस ने समर्थन किया मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार सांसत में आ गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शराबबंदी की जगह प्रदेश को नशामुक्त करने के अभियान पर जोर दिया। इसके बाद उमा भारती की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा से हुई और उनके तेवरों की तेजी गायब हो गई। उमा भारती ने अपने आंदोलन को अभियान का जामा पहना दिया, और राजस्व को गरीबों के कल्याण में जुटी प्रदेश सरकार की जरूरत बताया।

ज्ञातव्य है कि मध्यप्रदेश सरकार को शराब से करीब 14 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है। उमा भारती के अनुसार गरीबों और महिलाओं को नुकसान अवैध और जहरीली शराब से होता है, और इससे राजस्व की हानि भी होती है। प्रदेश को राजस्व तो अच्छी और कानूनी तौर पर बेची जा रही शराब से ही मिलता है, जो गरीबों के हित में संचालित योजनाओं के काम आता है।

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