मध्यप्रदेश में जारी एंटी-माफिया अभियान के तहत ग्वालियर में जिला प्रशासन ने बुधवार को भू-माफिया की अजीब माफियागिरी को पकड़ा और उसके विरुद्ध कार्रवाई की। इस भू-माफिया ने सरकारी पहाड़ियों के बीच की ज़मीन पर कब्जा कर बड़ा तालाब बनाया और उसमें मछली पालन कर दशक भर में करोड़ों कमाए। तालाब में मछली भी ऐसी खतरनाक पाली जो प्रदेश में प्रतिबंधित है।
ग्वालियर से सटे गिरवाई के पहाड़ी इलाके में नजूल की करीब 10 बीघा ज़मीन पर जबर सिंह लोधी के परिवार ने बाकायदा तालाब बनाकर 10 साल तक मत्स्यपालन किया। इसके अलावा लोधी परिवार ने गैरकानूनी ईंट-भट्टा कारोबार भी खड़ा कर रखा है। बुधवार सुबह जिला प्रशासन व पुलिस की टीम वहां पहुंची और खुदाई कर तालाब को नष्ट कर दिया।
पहाड़ियों के बीच काटे तालाब में आदमखोर मछलियां
अनुविभागीय अधिकारी अनिल बनवारिया ने बताया कि जबरसिंह लोधी ने पहाड़ियों के बीच की करीब 10बीघा जमीन पर अवैध रूप से तालाब बना ड़ाला। इसके बाद मत्स्यपालन विभाग से अनुमति के बगैर मछली पालन शुरू कर दिया। लोधी परिवार करीब 10 साल से इस तालाब में थाई मांगुर मछली पाल कर बेच रहा है। बनवारिया ने जानकारी दी कि इस तालाब में मछली भी ऐसी पाली है जो मत्स्यपालन के लिए मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित है। दरअसल लोधी परिवार द्वारा पाली जा रही मछली की प्रजाति आदमखोर मानी जाती है। बताया जता है कि इस तालाब में अगर कोई मानव शिशु दुर्घटनावश गिर जाए तो ये मछलिया उसे पल भर में चट कर सकती हैं। अनुविभागीय अधिकारी बनवारिया के मुताबिक जमीन की कीमत करीब चार करोड़ है, और मछली कारोबार से करीब 50-60 लाख रुपए की आय है। प्रशासन के जबर सिंह लोधी के विरुद्ध मामला दर्ज कर 19 लाख रुपए की वसूली का नोटिस भी दिया गया है।